उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था कोरोनाकाल के दुष्चक्र से बाहर निकल चुकी है। शुक्रवार को विधानसभा के पटल पर रखी गई राज्य सरकार की आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 की रिपोर्ट से यह खुलासा हो रहा है। रिपोर्ट के आंकड़े बता रहे हैं कि राज्य की अर्थव्यवस्था पटरी पर और तेजी से सुधार की ओर है।रिपोर्ट के मुताबिक 2020-21 में कोविड के सबसे बुरे दौर में राज्य की आर्थिक विकास दर शून्य से नीचे -4.42 फीसदी गिर चुकी थी, 2021-22 में वह न सिर्फ धनात्मक हुई, बल्कि अब उसके 6.13 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था की संभावित विकास दर 9.2 प्रतिशत से कम है।
प्रचलित भाव पर सकल राज्य घरेलू उत्पाद में पिछले वर्ष से 8.17 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। जबकि स्थिर भाव पर 6.13 प्रतिशत वृद्धि होने का अंदाजा है। राज्य गठन के बाद से पहली बार किसी वर्ष (2020-21) में सकल राज्य घरेलू उत्पाद में गिरावट दिखी है। 2020-21 में प्रचलित भाव पर यह 234660 करोड़ था, जिसके 2021-22 में बढ़कर 253832 करोड़ होने का अनुमान है।
विनिर्माण, निर्माण, व्यापार का अहम योगदान
अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में द्वितीय क्षेत्र (44.98 प्रतिशत) और तृतीय क्षेत्र (42.92 प्रतिशत) का सबसे अधिक योगदान है। यानी आर्थिकी में विनिर्माण और निर्माण, व्यापार, होटल एवं जलपान गृह, परिवहन, भंडारण, संचार एवं प्रसारण क्षेत्र की अहम भूमिका है। प्राथमिक क्षेत्र कृषि, पशुपालन, मत्स्य खनन का कुल मिलाकर योगदान सबसे कम 12.11 प्रतिशत का है।