चारधाम यात्रा के लिए अब तक लगभग 2.50 लाख तीर्थ यात्री पंजीकरण करा चुके हैं। चारधाम और यात्रा मार्ग पर आने वाले दो महीने के लिए होटलों में कमरों की बुकिंग फुल है। साथ ही केदारनाथ हेली सेवा के लिए 20 मई तक टिकटों की एडवांस बुकिंग हो चुकी है। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पर्यटन विभाग ने गढ़वाल मंडल विकास निगम के माध्यम से केदारनाथ में टेंट लगाकर एक हजार लोगों के ठहरने की अतिरिक्त व्यवस्था की है।
बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने प्रतिदिन यात्रियों की संख्या तय की है। दो साल के बाद जहां चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या से सरकार उत्साहित हैं। वहीं चारधामों व्यवस्था बनाने की चुनौती है। मौसम विभाग ने तीन मई को कई जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। जिससे यात्रा शुरू होते ही मौसम भी परीक्षा लेगा।
यह है बदरीनाथ और केदारनाथ कपाट खुलने का समय
केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई सुबह 6.25 और बदरीनाथ धाम के कपाट 8 मई को 6 बजकर 15 मिनट पर खुलेंगे। जबकि अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री धाम के कपाट 3 मई को पूर्वाह्न 11.15 बजे और यमुनोत्री धाम के कपाट भी 3 मई को ही अपराह्न 12.15 बजे खुलेंगे। पवित्र गुरूद्वारा हेमकुंड साहिब एवं लोकपाल तीर्थ के कपाट रविवार 22 मई को खुलेंगे।बाबा केदारनाथ की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ से 2 मई सुबह 9 बजे केदारनाथ धाम प्रस्थान कर चुकी है। प्रथम पड़ाव विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में प्रवास के बाद 3 मई को गुप्तकाशी से 8 बजे प्रात: फाटा पहुंचेगी। 4 मई को फाटा से प्रात: 8 बजे श्री गौरामाई मंदिर गौरीकुंड, 5 मई को गौरीकुंड से सुबह 6 बजे भगवान की पंचमुखी डोली केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी।
बदरीविशाल की देवडोली 6 मई को सुबह 9 बजे श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ से आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी सहित तेल कलश गाडू घड़ा के साथ बदरीनाथ धाम के रावल जी, मंदिर समिति के आचार्य एवं डिमरी पंचायत के प्रतिनिधियों के साथ योगध्यान बदरी पहुंचकर वहीं प्रवास करेगी। 7 मई को भगवान बदरी विशाल की डोली योग बदरी पांडुकेश्वर से सुबह आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, रावल जी सहित देवताओं के खजांची श्री कुबेर जी व भगवान के सखा उद्धव जी, तेल कलश गाडू घड़ा पांडुकेश्वर से सुबह 9 बजे बदरीनाथ धाम को प्रस्थान करेगी।
पर्यटन मंत्री सपताल महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा देवभूमि के सम्मान और अस्मिता से जुड़ी है। यात्रा व्यवस्थाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यात्रा को सफल बनाने का प्रयास हम सब को मिलकर करना है। उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी कि प्रत्येक अधिकारी व कर्मचारी अतिथि देवो भव: की भावना के साथ तत्परता से कार्य करें। तीर्थ यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था के साथ चारधामों व यात्रा मार्ग पर शौचालयों की सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए। कोई श्रद्धालु अधिकारी से मोबाइल से संपर्क करता है तो फोन उठाया जाए। नहीं उठा पाते हैं तो कॉल वापस की जाए। तीर्थ यात्रियों की समस्याओं को सुना जाना चाहिए।