सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर मंगलवार को डाडा जलालपुर समेत पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में धारा 144 लगाने और पांच संतों समेत दस लोगों की गिरफ्तारी के बाद बुधवार को क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया। वहीं रुड़की के समीप टोडा कल्याणपुर स्थिति आश्रम में बैठक की सूचना पर पुलिस ने काली सेना के राष्ट्रीय संयोजक स्वामी आनंद स्वरूप समेत चार संतों को हिरासत में ले लिया।

इससे पहले मंगलवार को काली सेना के प्रदेश संयोजक स्वामी दिनेशानंद भारती समेत छह लोग हिरासत में लिए गए थे। इसके अलावा पुलिस ने दोनों पक्षों के करीब 30 लोगों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की है। 16 अप्रैल को भगवानपुर क्षेत्र के डाडा जलालपुर गांव में हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में निकाली जा रही शोभायात्रा पर एक समुदाय के लोगों ने पथराव कर दिया था।

इसमें करीब 12 लोग घायल हो गए थे। इस दौरान कुछ लोगों ने वाहनों में आग लगा दी थी और कुछ घरों में भी तोड़फोड़ की गई। पूरी रात गांव में तनाव बना रहा। भीड़ को समझाने में पुलिस को देर रात तक मशक्कत करनी पड़ी। स्थिति उस समय और तनावपूर्ण हो गई जब काली सेना के राज्य संयोजक स्वामी दिनेशानंद भारती ने गांव पहुंचकर बैठक की।उन्होंने कई बार गांव का दौरा किया और 27 अप्रैल को गांव में हिंदू महापंचायत की घोषणा करते हुए इसकी तैयारी के लिए गांव के 13 लोगों की कमेटी का गठन कर दिया। यही नहीं उन्होंने पुलिस पर मामले को दबाने, एक धार्मिक स्थल से लोगों को हथियार लेकर निकलने की अपील करने वाले धार्मिक गुरु की गिरफ्तारी नहीं करने समेत कई आरोप लगाते हुए भगवानपुर तहसील में हनुमान चालीसा का पाठ करने का भी एलान किया था।पुलिस के कड़े पहरे के चलते स्वामी दिनेशानंद तहसील तक नहीं पहुंच पाए लेकिन डाडा जलालपुर से चलकर रास्ते में ही भगवानपुर टोल प्लाजा पर सभा को संबोधित किया और यही पर हनुमान चालीसा का पाठ किया। काली सेना महापंचायत की तैयारी कर ही रही थी कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन को महापंचायत में किसी भी प्रकार की हेट स्पीच नहीं होने दिए जाने को लेकर शपथ पत्र देने के लिए कहा। साथ ही जरूरी कदम उठाने को कहा।शासन के आदेश पर डीएम विनय शंकर पांडेय ने मंगलवार को डाडा जलालपुर गांव समेत पांच किलोमीटर के दायरे में धारा 144 की घोषणा कर दी और गांव में 200 से अधिक पुलिसकर्मी, छह प्लाटून पीएस समेत तमाम आला अधिकारियों ने डेरा डाल दिया।गांव में बुधवार सुबह से ही पुलिस अलर्ट थी। प्रत्येक व्यक्ति एवं वाहन की तलाशी के बाद ही प्रवेश दिया गया। बाहरी व्यक्ति को घुसने नहीं दिया गया। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय और एसएसपी डा. योगेेंद्र सिंह रावत ने गांव पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया है।देर शाम तक शांतिपूर्ण तरीके से मामला निपटने के बाद पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली

By Tarun

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