बैसाखी और मेष संक्रांति स्नान पर्व पर तीर्थनगरी ऋषिकेश के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। वहीं पावन पर्व पर देव डोलियों को स्नान के लिए त्रिवेणी घाट पर लाया गया। श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद भगवान विष्णु और पतित पावनी मां गंगा की पूजा अर्चना कर परिवार की सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना की।

बृहस्पतिवार को ब्रह्म मुहूर्त से ही गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। दोपहर तक गंगा घाट श्रद्धालुओं से गुलजार नजर आने लगे। श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी घाट, 72 सीढ़ी घाट, साईं घाट, शत्रुघ्न घाट, पूर्णानंद घाट, भरत घाट, हनुमान घाट, नाव घाट, गीता भवन घाट, वानप्रस्थ घाट, लक्ष्मीनारायण घाट, साधु समाज घाट आदि घाटों पर स्नान किया। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर ब्रह्मणों और भिक्षुओं को भोजन, अन्न, वस्त्र आदि का दान किया। घाटों के आसपास श्रद्धालुओं को हलवे, खिचड़ी और कढ़ी का प्रसाद बांटा गया। कई जगह छबील लगाकर लोगों को मीठा शर्बत वितरित किया गया।

त्रिवेणी घाट पर देव डोलियों ने किया स्नान
टिहरी के कद्दूखाल से माता सुरकंडा की देव डोली को स्नान के लिए त्रिवेणी घाट लाया गया। पुजारी हुकुम सिंह जड़दारी के साथ सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु ढोल दमाऊं की थाप से साथ घाट पर पहुंचे। देव डोली को स्नान के बाद श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए आरती स्थल के पास रखा गया। श्रद्धालुओं ने मां सुरकंडा की देव डोली को शीश नवाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
दिन भर घाटों पर फैली रही गंदगी
त्रिवेणी घाट एक बार फिर सफाई व्यवस्था की पोल खुल गई। श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना के बावजूद घाट पर सफाई और कूड़ा उठाने के लिए व्यापक इंतजाम नहीं किए गए थे। घाट के प्लेटफार्म पर दिनभर कूड़ा पड़ा रहा है। वहीं घाटों में पड़ी सिल्ट न उठने से श्रद्धालुओं का परेशानी झेलनी पड़ी। शाम को हवा के साथ घाट पर सिल्ट उड़ने लगी।

By Tarun

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