यात्रा सीजन के दौरान देहरादून से लेकर मसूरी तक पर्यटकों की आवाजाही की वजह से जाम की समस्या आम है और इससे सबसे ज्यादा परेशानी पर्यटकों के साथ ही स्थानीय निवासियों को झेलनी पड़ती है। गाड़ियों की लंबी कतार के चलते जबरदस्त प्रदूषण होता है सो अलग।

मसूरी

पर्यटकों के साथ ही स्थानीय शहरवासियों का देहरादून से मसूरी तक का सफर सुगम, सुहाना बनाने के साथ ही प्रदूषण मुक्त यात्रा कराने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। विधानसभा में बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डेवलपमेंट ऑफ बेस्ट इन क्लास ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर इन देहरादून एंड मसूरी परियोजना पर 1750 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

यात्रा सीजन के दौरान देहरादून से लेकर मसूरी तक पर्यटकों की आवाजाही की वजह से जाम की समस्या आम है और इससे सबसे ज्यादा परेशानी पर्यटकों के साथ ही स्थानीय निवासियों को झेलनी पड़ती है। गाड़ियों की लंबी कतार के चलते जबरदस्त प्रदूषण होता है सो अलग। इसका असर इंसानों की जीवनशैली के साथ ही पहाड़ों की पारिस्थितिकी और जंगली जानवरों पर भी पड़ता है।
इसे देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से डेवलपमेंट ऑफ बेस्ट इन क्लास ट्रांसपोर्ट इन्फ्राट्रक्चर इन देहरादून एंड मसूरी परियोजना को मंजूरी दी है। परियोजना के तहत देहरादून से मसूरी के बीच कार्बन फुटप्रिंट कम करने के उद्देश्य से सड़कों का चौड़ीकरण करने के साथ ही इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा। योजना धरातल पर उतरती है तो पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों को ना सिर्फ प्रदूषण रहित सुगम यात्रा मुहैया होगी बल्कि पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के बेहतर अवसर भी सृजित किए जा सकेंगे।

सहस्रधारा, मसूरी में बनेंगे अत्याधुनिक हेलीपोर्ट 

देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों को बेहतर हवाई यात्रा मुहैया करायी जा सके, इसके लिए सहस्रधारा और पहाड़ों की रानी मसूरी में हेलीपोर्ट बनाने की तैयारी है। इसका प्रावधान सरकार की ओर से विधानसभा में पेश किए गए बजट में किया गया है। योजना को मंजूरी मिलती है और इसे तेजी से धरातल पर उतारा जाता है तो पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

डोईवाला, विकासनगर का होगा कायाकल्प 

वित्त मंत्री ने बजट में जहां राजधानी दून और मसूरी को लेकर कई योजनाओं की घोषणा की गई है, वहीं डोईवाला और विकासनगर जैसे कस्बों को शहरों की तरह विकसित करने का मसौदा भी सदन में पेश किया। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में बताया कि केंद्र सरकार की ओर से अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट इन सेकेंडरी सिटी परियोजना के तहत राज्य के दो दर्जन से अधिक शहरों को शहरों में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के साथ ही लोगों को आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर अर्बन इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट इन सेकेंडरी टाउन योजना लागू की गई है। इस परियोजना के तहत जिले के डोईवाला और विकासनगर जैसे शहरों का चयन किया गया है। योजना के तहत इन शहरों में तमाम बुनियादी सुविधाओं को का विकास किया जाएगा।

देहरादून से ऋषिकेश, देहरादून से पांवटा साहिब का सफर होगा आसान 

केंद्र और राज्य सरकार के साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की योजनाएं यदि तेजी से धरातल पर उतरती है तो आने वाले समय में देहरादून से ऋषिकेश और देहरादून से पांवटा साहिब का सफर और आसान और सुहाना होगा।इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने देहरादून से ऋषिकेश और देहरादून से पांवटा साहिब को जोड़ने के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस फोरलेन सड़क बनाए जाने का प्रस्ताव तैयार किया है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि देहरादून- पांवटा साहिब को जोड़ने वाली 44.7 किलोमीटर सड़क पर जहां 988 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे।

वहीं भानियावाला से ऋषिकेश को जोड़ने वाली सड़क पर 934 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि इन दोनों सड़कों को फोरलेन बनाए जाने के बाद जहां देहरादून से ऋषिकेश और देहरादून से पांवटा साहिब जाने आने जाने में आसानी होगी, वहीं पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। बता दें कि इन सड़कों को फोरलेन  किए जाने को लेकर सरकार की ओर से प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था। लेकिन अब केंद्र सरकार और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से इन सड़कों को बनाए जाने को लेकर मंजूरी दे दी गई है।

स्मार्ट सिटी परियोजना के निर्माण कार्यों में आएगी रफ्तार

केंद्र और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शुमार स्मार्ट सिटी परियोजना के निर्माण कार्यों की रफ्तार और गति पकड़ेगी। इसके लिए बाकायदा राज्य सरकार ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पेश बजट में स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए 205 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत एक हजार करोड़ रुपये की लागत से शहर का कायाकल्प किया जाना है।इसके तहत शहर में चार लड़कों को अत्याधुनिक सड़कों के रूप में विकसित करने के साथ ही सड़कों के किनारे मल्टी यूटिलिटी डक्ट यानी एमयूडी का निर्माण, स्मार्ट स्कूल, इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण समेत कई महत्वाकांक्षी योजनाएं शामिल हैं। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए जहां 50 फ़ीसदी बजट यानी पांच सौ करोड़ रुपये  केंद्र सरकार को मुहैया कराना है वही 500 करोड़ रुपये राज्य सरकार को वहन करना है। इसी के तहत राज सरकार की ओर से विधानसभा में पेश बजट में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए 205 करोड रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है।

By Tarun

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