गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या, मथुरा, वृंदावन, काशी आदि जगहों से पधारे संतों से मुलाकात की और कुशलक्षेम भी पूछा। संतों ने अंगवस्त्र प्रदान करके मुख्यमंत्री का अभिनंदन भी किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को श्री मनोकामना सिद्ध श्रीराम जानकी हनुमान मंदिर गोरखनाथ के ब्रह्मलीन महंत प्रेमदास को श्रद्धांजलि दी। महंत प्रेमदास रामनवमी को ब्रह्मलीन हुए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग चार दशक से अधिक समय तक महंत प्रेमदास ने गोरखपुर में रहकर श्री मनोकामना सिद्ध श्रीराम जानकी हनुमान मंदिर के माध्यम से न केवल सनातन धर्म की सेवा की, अपितु यहां आने वाले संतों, श्रद्धालुओं को भी उनका सानिध्य लंबे समय तक प्राप्त हुआ।
गोरखनाथ मंदिर के मुख्य द्वार के ठीक सामने श्री मनोकामना सिद्ध श्रीराम जानकी हनुमान मंदिर है। इसके महंत प्रेमदास महाराज रामनवमी को ब्रह्मलीन हो गए थे। तब गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शहर में ही थे। लिहाजा, मंदिर जाकर ब्रह्मलीन महंत के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किया था। अब शुक्रवार दोपहर महंत प्रेमदास की याद में श्रद्धांजलि सभा और भंडारे का आयोजन किया गया। इस बीच मुख्यमंत्री ने गोरखपुर आकर ब्रह्मलीन महंत को श्रद्धांजलि दी। बाद में गोरखनाथ मंदिर गए और दर्शन-पूजन के बाद लखनऊ रवाना हो गए।
संतों ने किया अभिनंदन
गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या, मथुरा, वृंदावन, काशी आदि जगहों से पधारे संतों से मुलाकात की और कुशलक्षेम भी पूछा। संतों ने अंगवस्त्र प्रदान करके मुख्यमंत्री का अभिनंदन भी किया। मुख्यमंत्री ने मंदिर प्रबंधन के लोगों को निर्देशित किया कि संतजनों के स्वागत में कोई कमी न रहे। भंडारे के बाद पूरे सम्मान से सबकी विदाई की जाए।
इस दौरान अयोध्या से पधारे दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेशदास, रामलला सदन के स्वामी राघवाचार्य, बड़ा भक्तमाल के स्वामी अवधेशदास, वैदेही भवन अयोध्या के स्वामी रामजी शरण, उर्दू अकादमी के अध्यक्ष चौधरी कैफुलवरा, श्री मनोकामना सिद्ध श्रीराम जानकी हनुमान मंदिर के प्रबंधक अजय कुमार सिंह, कालीबाड़ी मंदिर के महंत रविंद्र दास समेत कई संत एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।