दीनदयाल उपाध्याय स्मृति उपवन के दूसरे चरण की मंजूरी के लिए विकास प्राधिकरण अपनी ओर से कोशिश में जुटेगा। 126 करोड़ रुपये की इस परियोजना का डीपीआर संस्कृति मंत्रालय तक पहुंचा है।
विकास की तेज बढ़ती गति के बीच बढ़ रहे पर्यटकों की आमद के चलते विकास प्राधिकरण अब अपनी परियोजनाओं को धरातल पर उतारने में जुट गया है। पड़ाव स्थित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति उपवन के दूसरे चरण की मंजूरी के लिए विकास प्राधिकरण अपनी ओर से कोशिश में जुटेगा।
126 करोड़ रुपये की इस परियोजना का डीपीआर संस्कृति मंत्रालय तक पहुंचा है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस पर सहमति मिल जाएगी। दरअसल, अंत्योदय के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय के अंतिम पड़ाव के रूप में स्मृति उपवन को विकसित कर पर्यटकों को इस जगह से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
यहां यहां बनी 63 फीट की पंच धातु की प्रतिमा खास आकर्षण का केंद्र है और कुंड, वैदिक पार्क, इंटरप्रीटेशन वॉल, वाटरफॉल लोगों रिझाता है। मगर, यहां प्रस्तावित संग्रहालय, पर्यटन विकास के लिए रैंप, फुटवॉक, शोधार्थियों के लिए अन्य व्यवस्थाओं को मंजूरी का इंतजार है।
रिवर फ्रंट योजना के बाद सहमति की उम्मीद बढ़ी
वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने कहा कि इसके लिए पहले भी विकास प्राधिकरण की ओर से संस्कृति विभाग को पत्र भेजकर बजट की मांग की गई थी। दीनदयाल स्मृति स्थल के दूसरे चरण के लिए संस्कृति मंत्रालय को डीपीआर भेजी जा चुकी है। वहां से सहमति व बजट के बाद ही काम होगा। इसके लिए शासन के माध्यम से मंत्रालय से संपर्क किया जा रहा है।