वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए जिनमें से एक पूजा में चढ़ाए जाने वाले फूल हैं. इन फूलों को भगवान को अर्पित ना करने की मान्यता है.
पूजा करते समय भक्त कई बातों का ध्यान रखते हैं. भगवान को अर्पित की जाने वाली सामग्री में फूलों को अत्यधिक महत्व दिया जाता है. देवी-देवताओं पर भिन्न फूल चढ़ाए जाते हैं, कुछ लाल, कुछ गुलाबी, कुछ सफेद तो कुछ पीले. मान्यतानुसार भगवान को उनके प्रिय फूल (Flowers) अर्पित किए जाते हैं लेकिन वास्तु (Vastu) के अनुसार कुछ ऐसे फूल हैं जो मंदिर में उपयोग नहीं करने चाहिए. आइए जानें ये फूल कौनसे हैं जिन्हें मंदिर में इस्तेमाल करने से बचना चाहिए.
- वास्तु शास्त्र के अनुसार भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को अक्षत, चावल और धतूरे के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए. इन फूलों से विष्णु भगवान नाराज हो सकते हैं.
- देवी मां को चढ़ाए जाने वाले फूलों में दूब, हरसिंगार, मदार और बेल के फूल ना चढ़ाने की मान्यता है.
- वहीं, मान्यतानुसार कमल और चंपा की कली के अलावा किसी और फूल की कली का पूजा में इस्तेमाल नहीं किया जाता.
- मां दुर्गा को वास्तु के अनुसार जमीन पर गिरे हुए या बहुत तेज खुशबू वाले फूल अर्पित नहीं करने चाहिए.
- मंदिर में पूजा करते हुए वास्तु शास्त्र के अनुसार नागचंपा और ब्रहती के फूलों का उपयोग नहीं करना चाहिए.
- कटसरैया के फूलों को भी पूजा में इस्तेमाल ना करने की सलाह दी जाती है.
- माना जाता है कि भगवान शिव (Lord Shiva) को भूलकर भी केतकी या केवड़ा के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए, यह शिवशंकर के क्रोध का कारण बन सकते हैं.
- वास्तु में भगवान राम की पूजा में कनेर के फूलों का उपयोग न करने की सलाह दी जाती है. माना जाता है कि कनेर के फूल श्रीराम को नाराज कर सकते हैं.