रवाईं घाटी की मुंगरसती पट्टी के 65 गांव के आराध्य देव रुद्रेश्वर महाराज के मंदिर के कपाट बृहस्पतिवार को विधि विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। एक वर्ष से देवलसारी गांव स्थित मंदिर में विराजमान देवता की पालकी जयकारों की गूंज के साथ गर्भगृह से बाहर निकली और श्रद्धालुओं को दर्शन दिए।

देवता के माली सुनील नौटियाल पर अवतरित रुद्रेस्वर देवता ने अपने भक्तों को चावल देकर अपना आशीर्वाद दिया। अपने आराध्य देव के प्रति आस्था रखने वाले ग्रामीणों ने देवलसारी मंदिर पहुंच कर उन्हें हरियाली, श्रीफल, चुनरी, धूप चढ़ा कर मन्नतें मांगी। भारी पुलिस सुरक्षा में कोविड नियमों का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने मंदिर के गर्भगृह में दर्शनार्थ विराजमान रुद्रेस्वर, बौखनाग, धर्मराज युधिष्ठिर, महासू, माता नटारी और भदेश्वर देवता की छह मूर्तियों के एक साथ दर्शन किए। समिति ने बगैर मास्क पहने व्यक्ति को मंदिर परिसर में प्रवेश नही करने दिया। अनावश्यक भीड़ भी मंदिर परिसर में नहीं जुटने दी गई। इस मौके पर देवलसारी मंदिर समिति के अध्यक्ष जयवीर परमार, नगर पंचायत अध्यक्ष शशिमोहन राणा, सभासद विजयपाल सिंह, जगमोहन परमार, सोवेंद्र रावत, सुरेश रमोला, विजय सिंह, शंकर परमार आदि उपस्थित रहे।

 

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