गोरखनाथ मंदिर सचिव द्वारिका तिवारी ने कहा कि गोरखनाथ मंदिर के लाउडस्पीकर की आवाज पहले से काफी धीमी थी। भजन-कीर्तन परिसर के अंदर ही होता था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्धारित मानक पर लाउडस्पीकर बजाने का आह्वान किया। लिहाजा, लाउडस्पीकर की आवाज और कम कर दी गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल के बाद गोरखनाथ मंदिर सहित तमाम धार्मिक स्थलों में लगे लाउडस्पीकर की आवाज कम कर दी गई है। धार्मिक स्थल से जुड़े प्रमुखों का कहना है कि अब तय मानक के अनुसार ही लाउडस्पीकर बजाए जा रहे हैं। इसमें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है।लाउडस्पीकर की आवाज परिसर के आसपास तक ही सीमित है। दरअसल, मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल से धार्मिक स्थलों पर सामान्य मानक के हिसाब से लाउडस्पीकर बजाने का आह्वान किया गया था। इसका संज्ञान लेकर ही गोरक्षपीठ से जुड़े गोरखनाथ मंदिर, मानसरोवर मंदिर व शीतला देवी मंदिर के लाउडस्पीकर की आवाज कम कर दी गई।गोरखनाथ मंदिर सचिव द्वारिका तिवारी ने कहा कि गोरखनाथ मंदिर के लाउडस्पीकर की आवाज पहले से काफी धीमी थी। भजन-कीर्तन परिसर के अंदर ही होता था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्धारित मानक पर लाउडस्पीकर बजाने का आह्वान किया। लिहाजा, लाउडस्पीकर की आवाज और कम कर दी गई। भजन-कीर्तन होता रहता है, लेकिन आवाज परिसर के बाहर नहीं जाती है। मानसरोवर मंदिर और शीतला देवी मंदिर बेतियाहाता का लाउडस्पीकर भी सामान्य तरीके से बज रहा है।
लोगों ने क्या कहा
मंदिर में मानक के अनुसार ही सुबह और शाम लाउडस्पीकर पर भजन बजाए जाते हैं। अब मुख्यमंत्री की पहल का सम्मान किया गया। लाउडस्पीकर की आवाज और भी धीमी कर दी गई है। -महंत रविंद्र दास, कालीबाड़ी मंदिर रेती चौक
गीता वाटिका में 24 घंटे हरिनाम संकीर्तन होता है, लेकिन इसकी आवाज इतनी कम होती है कि परिसर से बाहर आवाज जाती ही नहीं। कार्यक्रमों में भी जो स्पीकर लगाए जाते हैं, उनके आवाज मानक के अनुरूप रखी जाती है। -उमेश सिंघानिया, सचिव हनुमान प्रसाद पोद्दार स्मारक समिति (गीता वाटिका)
गोरखनाथ मंदिर में 45 डेसीबल से कम होगी ध्वनि
ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए गोरखनाथ मंदिर में सुबह और शाम बजने वाले भजन की आवाज 45 डेसीबल से कम रहेगी। गोरखनाथ मंदिर प्रबंधन के अनुसार, गोरखनाथ मंदिर से जुड़े मानसरोवर मंदिर अंधियारीबाग और मंगला माता मंदिर बेतियाहाता में भी बजने वाले भजन की आवाज भी 45 डेसीबल से कम रखी जाएगी, ताकि किसी को भी कोई परेशानी न हो। बता दें कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद गोरखनाथ मंदिर प्रबंधन ने मानक से भी कम आवाज में लाउड स्पीकर पर भजन बजाने का निर्णय लिया है।