केदारनाथ यात्रा पर आई महिला के दो बच्चे पैदल मार्ग पर बिछुड़ गए। जिससे महिला बेचैन हो गई। पुलिस ने चार घंटे की मशक्कत के बाद महिला के बच्चों को ढूंढ निकाला। केदारनाथ में जब मां को उसके दोनों बच्चों से मिलवाया गया तो वह फफक-फफक कर रो पड़ी। बच्चों को अपनी आंखों के सामने देख मां ने उन्हें खूब दुलार किया। यह देख आसपास के लोग भी भावुक हो गए।
चारधाम यात्रा में पर्यटन पुलिस ने अब तक परिवार से बिछड़े 40 लोगों को परिवार से मिलाया है। बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के दौरान 40 लोग परिवार से बिछड़ गए थे। इन्हें पर्यटन पुलिस की मदद से परिजनों से मिलाया गया। चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सभी विभाग पूरी तरह से मुस्तैद हैं। यात्रा मार्ग पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल, होमगार्ड, पीआरडी व पीएससी तैनात की गई है।
उधर, लगातार दूसरे दिन सोनप्रयाग से पूर्वाह्न 11.30 बजे के बाद 13965 यात्री केदारनाथ नहीं भेजे गए। निर्धारित संख्या से अधिक यात्रियों की अधिक भीड़ होने से प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। इससे पूर्व 13965 श्रद्धालुओं को केदारनाथ के लिए रवाना किए गए। पूरे दिनभर गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग व धाम में भी आवाजाही बनी रही।

शनिवार को सुबह 4 बजे से प्रशासन व पुलिस ने यात्रियों को केदारनाथ के लिए भेजना शुरू कर दिया गया था। सुबह 8 बजे तक दस हजार व पूर्वाह्न 11.30 बजे तक 13965 यात्री धाम भेजे गए। इसके बाद भी सोनप्रयाग में यात्रियों की काफी भीड़ रही, लेकिन एक दिन के हिसाब से केदारनाथ के लिए निर्धारित संख्या पूरी होने के बाद यात्रियों को रोक दिया गया है। इधर, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि केदारनाथ के लिए एक दिन में यात्रियों की संख्या निर्धारित संख्या 13000 निर्धारित की गई है। इसे ध्यान में रखते हुए सोनप्रयाग से पूर्वाह्न 11.30 बजे बाद से यात्रियों को केदारनाथ के लिए नहीं भेजा गया है। केदारनाथ में आठ हजार यात्रियों के रात्रि प्रवास की व्यवस्था की गई है। उधर, केदारनाथ में शाम चार बजे तक 10217 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन कर दिए थे। केदारघाटी के जनप्रतिनिधियों व व्यापारियों ने प्रशासन पर यात्रियों को सोनप्रयाग में जबरन रोकने का आरोप लगाया है। कहा कि पूर्वाह्न 11 बजे ही सोनप्रयाग में गेट लगाया जा रहा है, जिससे यात्री रात्रि प्रवास के लिए गौरीकुंड नहीं पहुंच पा रहे हैं।कालीमठ वार्ड के जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा का कहना है कि यात्रा को रूट के हिसाब से संचालित कर रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तक यात्रियों के प्रवास की व्यवस्था की जाए, जिससे सभी कारोबारियों को काम मिल सके। लेकिन प्रशासन व पुलिस के कुछ अधिकारियों के द्वारा यात्रियों को जबरन गुप्तकाशी से फाटा के बीच दिनभर रोका जा रहा है और शाम होते ही सोनप्रयाग भेजा जा रहा है।