गंगा सप्तमी के मौके पर रविवार सुबह काशी के गंगा घाटों पर गायत्री परिवार की ओर से सूर्य देव को श्रृंखलाबद्ध होकर सामूहिक रूप से अर्ध्य दिया गया।

गंगा सप्तमी पर महामना पंडित मदन मोहन मालवीय का स्वप्न काशी में साकार हुआ। रविवार सुबह गंगा घाटों पर सामूहिक रूप से सूर्य देव को अर्ध्य दिया गया। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान एवं गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट व युवा प्रकोष्ठ वाराणसी के संयुक्त संयोजन सामूहिक सूर्य अर्घ्यदान का आयोजन किया गया।इस दौरान नमो घाट से लेकर अस्सी घाट तक हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ हर-हर गंगे का जयघोष एकाकार होता रहा। कार्यक्रम में विद्यालयों के बच्चों ने भी भाग लिया  दावा है कि 25  हजार से ज्यादा लोगों ने पावन गंगा की तट पर श्रृंखलाबद्ध होकर अर्ध्य दान किया। इस तरह का कार्यक्रम काशी में पहली बार हुआ।

युग परिवर्तन का संकेत है सामूहिक रूप से अर्घ्यदान

गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के प्रतिनिधि आशीष कुमार सिंह ने बताया कि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य को गायत्री मंत्र की दीक्षा देने वाले पं. मदन मोहन मालवीय की इच्छा थी कि 10  हजार युवा एक साथ काशी के घाट पर सामूहिक सूर्य अर्घ्यदान करें।

देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार के प्रतिकुलपति एवं अखिल विश्व गायत्री परिवार युवा प्रकोष्ठ के डॉ. चिन्मय पंड्या ने रविवार सुबह देव पूजन कर भगवान भाष्कर को अर्ध्य देकर शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि गंगा सप्तमी मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरित होने की पावन तिथि है। इस दिन आप सभी लोगों द्वारा काशी के 107 घाटों पर मानव श्रृंखला बनाकर उदित होते हुए भगवान भास्कर को अर्ध्य देना निश्चित रूप से युग परिवर्तन का संकेत है।

मुस्लिम समाज के लोगों ने भी किया अर्घ्यदान

सामूहिक रूप से सूर्य को अर्घ्यदान कार्यक्रम
चौसठी घाट एवं राणा महल घाट पर मुस्लिम समाज द्वारा भी अर्घ्य दान किया गया। इसके लिए डॉ. चिन्मया पंड्या ने मुस्लिम समाज का नव युग आगमन की पताका को मजबूती से थामने के लिए आभार व्यक्त किया। काशीवासियों के स्वागत से चिन्मय पांड्या भाव विभोर दिखे।

कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम संयोजक पंडित गंगाधर उपाध्याय एवं आध्यात्मिक संदेशवाहक अनिलेश तिवारी ने किया। इस दौरान मुख्य रूप से मेयर मृदुला जायसवाल, गौ रक्षा समिति के अध्यक्ष अजित महापात्रा , केदार प्रसाद दुबे, आचार्य वागीश दत्त मिश्र, आलोक पारिख समेत कई अन्य लोग मौजूद रहे।

By Tarun

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