जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि महाराज ने कहा कि देश में मतांतरण पर कठोर कानून बनाने और उसका सख्ती से पालन कराए जाने की आवश्यकता है। साथ ही घर वापसी को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। कहा कि देश में जिस तरह का वातावरण बनाने की कोशिश की जा रही है, उससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए। सनातनियों को चाहिए कि धर्म की रक्षा के लिए खुद को मजबूत बनाए और आर्थिक एवं अपने सामाजिक ढांचे को मजबूत करें। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली जा रहे हैं। डाडा जलालपुर समेत देश के विभिन्न हिस्सों में हाल की घटनाओं को लेकर वह गृह मंत्री से चर्चा करेंगे।
शुक्रवार को जीवनदीप आश्रम में बातचीत के दौरान महामंडेलश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि महाराज ने कहा कि देश में जेहादी मानसिकता वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हनुमान जयंती पर जिस तरह से देश के विभिन्न राज्यों में शोभायात्राओं पर हमले हुए हैं, यह एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। यदि इस ओर सख्ती नहीं की गई तो देश में एक बार फिर आजादी से पहले जैसे हालात बन जाएंगे और इसे नियंत्रित कर पाना बेहद मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि संविधान भी हिंदू संस्कृति एवं सनातन परंपराओं की रक्षा का काम करें। प्रत्येक हिंदू अपने धर्म पर गर्व महसूस करे और बच्चों को सनातन धर्म की शिक्षा दें। प्रतिदिन नहीं तो सप्ताह में एक दिन घर के अंदर सामूहिक पूजा-पाठ, हनुमान चालीसा का पाठ किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जेहादी मानसिकता वालों का सामाजिक एवं आर्थिक रूप से बहिष्कार किया जाए। उत्तराखंड में विभिन्न धार्मिक स्थलों पर गैर हिंदू का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित किया जाए। जनसंख्या नियंत्रण कानून को कठोर बनाते हुए उसका सख्ती से पालन कराना भी जरूरी है। तमाम मदरसों का पंजीकरण करने के साथ ही वहां पढ़ाने वालों का भी पंजीकरण हो, सत्यापन किया जाए। उन्होंने कहा कि आज भी गांवों में काफी मंदिर ऐसे हैं जो खाली पड़े हुए हैं। सनातनी इन मंदिरों की देखभाल का जिम्मा संभाले।