भगवान केदारनाथ के क्षेत्रपाल के रूप में पूजनीय भगवान भैरवनाथ के कपाट विधि-विधान के साथ खोल दिए गए हैं। आराध्य ने अपने पश्वा पर अवतरित होकर भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद भी दिया। भगवान भैरवनाथ मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही धाम में बाबा केदार की सायंकालीन आरती भी शुरू हो गई है।
शनिवार को परंपरानुसार पूर्वान्ह 11.30 बजे केदारनाथ के मुख्य पुजारी गंगाधर लिंग ने भैरवनाथ मंदिर के कपाट खोले। इसके उपरांत भगवान भैरवनाथ की छह माह की पूजा के संकल्प के साथ ध्यान किया गया। साथ ही आराध्य का रुद्राभिषेक, तेलाभिषेक और श्रृंगार के उपरांत निर्विध्न केदारनाथ यात्रा और सुख-समृद्धि के लिए हवन किया गया।इसके उपरांत आराध्य भैरवनाथ को भोग लगाया गया और आरती उतारी गई। इस मौके पर बाबा केदार के दर्शनों को धाम पहुंचे कई श्रद्धालुओं ने आराध्य के दर्शन कर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। सभी धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के उपरांत भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया।परंपरानुसार भगवान भैरवनाथ मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही भगवान केदारनाथ की सायंकालीन की आरती भी शुरू हो गई।इस मौके पर वेदपाठी स्वयंभर सेमवाल, मृत्युंजय हीरेमठ, पश्वा अरविंद शुक्ला, पंतेर शिव प्रसाद, डोली प्रभारी प्रदीप सेमवाल, पुष्कर सिंह रावत, उमेद भंडारी सहित अन्य लोग मौजूद थे।परंपरानुसार केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के बाद पहले मंगलवार या शनिवार को भैरवनाथ मंदिर की पूजा शुरू होती है और तभी से बाबा केदार की सायंकालीन आरती भी शुरू हो जाती है।भगवान भैरवान के कपाट खुलने के दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं यहां मौजूद रहे।