रानीखेत (अल्मोड़ा)। सौनी और देवलीखेत के बीच घने जंगल में स्थित स्वर्गाश्रम बिनसर महादेव मंदिर में होमात्मक महारुद्र यज्ञ और शिव महापुराण चार जून से होगा। यह आयोजन कोरोनाकाल के बाद पहली बार हो रहा है।
महंत रामगिरी महाराज ने बताया कि पहले दिन जल यात्रा, मंडप प्रवेश और पुराण पूजन कार्यक्रम होंगे। पांच जून को वेदियों का पूजन होगा, ग्रहजाग, हवन, पाठ और कथा शुरू होगी। छह जून को पूजा पाठ और कथा होगी। 14 जून को पूर्णाहूति और विशाल भंडारे के साथ यज्ञ और कथा का समापन होगा। आचार्य राजेंद्र प्रसाद शास्त्री और व्यास पं. नंदा बल्लभ पंत होगे। मनीष पपनै, भाष्कर पडलिया और हिमांशु भट्ट और उनका परिवार यजमान की भूमिका निभाएगा।
श्रद्धालुओं का लगता है तांता
रानीखेत। बिनसर महादेव मंदिर बांज-देवदार और चीड़ के लंबे और घने पेड़ों के बीच स्थित है। यह मंदिर छोटी-छोटी पहाड़ियों की तलहटी में स्थापित है। रानीखेत से करीब 25 किमी की दूरी पर स्थित इस मंदिर के पास ही वन विभाग का एक गेस्ट हाउस भी है। सालाना यज्ञ के दौरान यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। श्री श्री 108 नागा बाबा मोहन गिरि जी महाराज ने इस मंदिर की नींव रखी थी। वर्षों तक उनके मार्गदर्शन में यहां मंदिरों का निर्माण होता रहा और बाद में संस्कृत विद्यालय भी चलाया गया। 2001 में बाबा मोहन गिरी ने समाधि ले ली। अब मंदिर की देखरेख महंत रामगिरी महाराज करते हैं। मैदानी इलाकों से रानीखेत आदि घूमने आने वाले पर्यटक बिनसर आकर साधु-संतों का आशीर्वाद लेते हैं।