ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज शुक्रवार को विधिविधान पूर्वक मंत्रोचारण के साथ तीर्थयात्रियों के लिए खोले गए। सुबह पांच बजे से ही यहां मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। मंदिर के कपाट सुबह छह बजकर 25 मिनट पर पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खोले गए। जबकि चार तीर्थों में से अंतिम धाम बदरीनाथ धाम के कपाट आठ मई को तीर्थयात्रियों के लिए खोले जाएंगे।
शुक्रवार को बाबा केदार के कपाट खुले तो भक्तों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दर्शन के लिए यहां श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। बम बम भोले से केदारनाथ धाम गुंजायमान हुआ। भोले के भक्त खुद को नाचने से नहीं रोक पाए। मंदिर के सामने ही ढोल की थाप पर सभी भक्त खूब झूमे। ढोल की थाप पर भक्त सराबोर होकर नाचे।
परंपरा के अनुसार भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली केदारनाथ पहुंच चुकी है। दो मई को श्री केदारनाथ के शीतकालीन निवास ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ के लिए रवाना हुई थी और केदारनाथ धाम पहुंचने से पहले विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी, श्री गौरीमाई मंदिर, फाटा और गौरीकुंड सहित कई पड़ावों पर रुकी थी। इस बीच, केदारनाथ मंदिर को इस अवसर पर फूलों से सजाया गया है।
शुक्रवार को बाबा केदार के कपाट खुले तो भक्तों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दर्शन के लिए यहां श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। बम बम भोले से केदारनाथ धाम गुंजायमान हुआ। भोले के भक्त खुद को नाचने से नहीं रोक पाए। मंदिर के सामने ही ढोल की थाप पर सभी भक्त खूब झूमे। ढोल की थाप पर भक्त सराबोर होकर नाचे।
परंपरा के अनुसार भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली केदारनाथ पहुंच चुकी है। दो मई को श्री केदारनाथ के शीतकालीन निवास ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ के लिए रवाना हुई थी और केदारनाथ धाम पहुंचने से पहले विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी, श्री गौरीमाई मंदिर, फाटा और गौरीकुंड सहित कई पड़ावों पर रुकी थी। इस बीच, केदारनाथ मंदिर को इस अवसर पर फूलों से सजाया गया है।
आज सुबह ठीक 6 बजकर 25 मिनट पर जय केदार के जयकारों के बीच भगवान केदारनाथ के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खुल गए।
केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के दौरान दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। मंदिर परिसर में सुबह से ही लाइन लगी रही।
तड़के बाबा केदार की उत्सव डोली को मुख्य पुजारी द्वारा भोग लगाया गया और नित पूजाएं की गई, जिसके बाद डोली को सजाया गया।
सेना की जम्मू-कश्मीर लाईट इंफेंटरी के बैंड की धुनों के साथ पूरा केदारनाथ भोले बाबा के जयकारों से गुंजायमान हो गया।
सुबह 6 बजे से कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। यहां मंंदिर प्रांगण श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया।
छह माह तक अब बाबा केदार के भक्त धाम में ही आराध्य के दर्शन एवं पूजा-अर्चना कर सकेंगे। बाबा के मंदिर को दस क्विंटल फूलों से सजाया गया है।
दो साल बाद इस बार चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड तोड़ तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है।

190,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने केदारनाथ जाने के लिए 31 मई तक अपना पंजीकरण करा लिया था। जबकि केदारनाथ के लिए हेली सेवाओं की पांच जून तक एडवांस बुकिंग हो गई है