श्रीनगर से लेकर गुलमर्ग और पहलगाम तक घाटी पर्यटकों से गुलजार है। श्रीनगर की डल झील में सैलानी देर रात तक शिकारों में लुत्फ उठा रहे हैं। ज्यादातर होटल जुलाई तक के लिए बुक हैं। घाटी में अरसे बाद पर्यटन के इस दौर ने जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को संजीवनी दी है।
कश्मीर में अमन की बयार के बीच सैलानियों की बहार आ गई है। घाटी की बदली आबोहवा के कारण अब रिकॉर्ड सैलानी पहुंच रहे हैं। बीते साल जितने पर्यटक कश्मीर आए, करीब उतने ही इस साल पहले चार महीने में आ चुके हैं।श्रीनगर से लेकर गुलमर्ग और पहलगाम तक घाटी पर्यटकों से गुलजार है। श्रीनगर की डल झील में सैलानी देर रात तक शिकारों में लुत्फ उठा रहे हैं। ज्यादातर होटल जुलाई तक के लिए बुक हैं। घाटी में अरसे बाद पर्यटन के इस दौर ने जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को संजीवनी दी है।इस साल अप्रैल तक गाटी में छह लाख पर्यटक आ चुके हैं, जबकि 2021 में पूरे साल कुल 6.61 लाख सैलानी आए थे। श्रीनगर में ही रोजाना पांच हजार पर्यटक पहुंच रहे हैं। बीते वर्ष यह आंकड़ा 1,800 के करीब था। इस साल जनवरी में 60 हजार, फरवरी में 1.05 लाख और अप्रैल में 2.6 लाख सैलानियों ने घाटी का रुख किया। मार्च के अंतिम सप्ताह में डल झील के तट पर आयोजित ट्यूलिप उत्सव में रिकॉर्ड 3.5 लाख पर्यटक पहुंचे थे।