सूफी गायक कैलाश ने कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके आवास पर मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने अपने चारधाम यात्रा अनुभवों को साझा किया। वहीं अब उन्होंने ऋषिकेश परमार्थ निकेतन पहुंचकर संगीत अकादमी खोलने की इच्छा जताई

सूफी गायक कैलाश खेर ने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से कैलाश खेर एकेडमी फाॅर लर्निंग आर्ट खोलने के विषय में चर्चा की। इस दौरान स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कैलाश खेर और प्रहलाद टिपन्या को रुद्राक्ष का पौधा देकर अभिनंदन किया। वैश्विक स्तर पर जल संरक्षण का संदेश देते हुए सभी ने विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया।
कैलाश खेर ने कहा कि बच्चों के अन्दर जो कलायें हैं, उन्हें निखारने में मदद करें, न कि उन पर परीक्षा में 99 प्रतिशत अंक लाने के लिए दबाव बनाएं। माता-पिता अपने ख्वाब को अपने बच्चों पर न थोपें।  उन्हें अपने वेग के साथ आगे बढ़ने दें। हर बच्चा निर्विघ्न, निर्विकल्प और चैतन्य रूप है। हर बच्चा एक विशेष हुनर के साथ पैदा होता है, उनके हुनर को तराशे और आगे बढ़ने के लिये प्रोत्साहित करें।
युवा पीढ़ी को अपने कर्तव्यों का पालन करने का संदेश देते हुये कहा कि स्वयं को खोजना और जानना ही हमारा सबसे पहला कर्तव्य है। कहा परमार्थ निकेतन में वे भी एक ऋषिकुमार थे। उनका स्वभाव ही अभाव से निर्मित हुआ। इसी को देखते हुये स्वामी के आशीर्वाद से यहां पर ‘‘कैलाश खेर एकेडमी फॉर लर्निंग आर्ट’’ ‘कला धाम’ खोलने जा रहे हैं।
कला मंदिर की शाखाएं विश्वभर में खोलने की योजना

गायक ने कहा कि मुम्बई में ‘सागर आर्ट’ प्रकल्प खोला जायेगा। गंगा तट परमार्थ निकेतन में कला, धाम, वैचारिक मंदिर की स्थापना की जायेगी। जिसमें संगीत के साथ वेद मंत्रों का उच्चारण, अध्यात्म क्या है? भावी पीढ़ी को संस्कारों सें सिंचित कैसे करें? और यहां पर बच्चों की काउंसलिंग की जायेगी।  बच्चे जीवन जीना और जीवन में शांति का समावेश कैसे हो इन सब का प्रशिक्षण लेंगे। इन केन्द्रों में संगीत और अध्यात्म का साथ-साथ प्रशिक्षण दिया जायेगा। मुम्बई और परमार्थ निकेतन के पश्चात कला मंदिर की शाखाएं विश्व के अन्य देशों में भी खोलने की योजना बनाई जा रही है।

By Tarun

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