ऋषिकेश। साहसिक खेलों में योगनगरी ऋषिकेश एक मजबूत पहचान स्थापित कर रहा है। यहां गंगा में रिवर राफ्टिंग के लिए वीकेंड पर पर्यटकों की रिकार्ड भीड़ उमड़ रही है। यही कारण है आज पर्यटन वेबसाइटों के आनलाइन सर्वे में ऋषिकेश रिवर राफ्टिंग में देशभर के 15 सर्वश्रेष्ठ स्थानों में चौथे नंबर पर है। यहां व्हाइट वाटर रिवर राफ्टिंग देशभर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। गंगा के सफेद पानी के बीच उफनती लहरों से होते हुए रैपिड की अड़चनों को पार करने का मजा ही कुछ और है। यहां कठिनाई के हिसाब से पर्यटक ग्रेड एक से लेकर ग्रेड चार तक के रैपिड वाले ट्रैक का चयन कर सकते हैं। यही कारण दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश के साथ अब राजस्थान, महाराष्ट्र, कोलकाता, बंगलूरू, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु तक के पर्यटक यहां का रुख कर रहे हैं। वहीं प्रोफेशनल विदेशी खिलाड़ी राफ्टिंग प्रतियोगिताओं में गोल्फ कोर्स जैसे रैपिड में अपने दमखम को आजमाने के लिए ऋषिकेश पहुंचते हैं। इनमें रूस, कनाडा, आस्ट्रेलिया, फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, चीन आदि देशों पर्यटक और प्रोफेशनल खिलाड़ी शामिल होते हैं

1. सिंधु नदी
– सिंधु नदी के मुकाबले रिवर राफ्टिंग का सबसे अधिक रोमांच कही नहीं है। इसके सबसे लंबे ट्रैक की दूरी 25 किलोमीटर है। चट्टानों के बीच से होकर गुजरती नदी को आउट आफ द लायंस माउथ भी कहा जाता है।

2. कुल्लू मनाली
हिमाचल प्रदेश में कुल्लू में व्हाइट रिवर राफ्टिंग के दीवानों की मनपसंद जगह है। पिरडी से व्यास नदी और फिर झिरी तक राफ्टिंग ट्रैक की दूरी करीब 14 किलोमीटर है।

3. यमुना नदी

उत्तराखंड में यमुना नदी राफ्टिंग के लिए पर्यटकों की तीसरी पसंद है। नैनबाग से जूडो के बीच 20 किलोमीटर का पहला ट्रैक है। वहीं बलवाकोट और टनकपुर के बीच काली नदी पर दूसरा ट्रैक है। वहीं पूरे ट्रैक की लंबाई करीब 95 किलोमीटर है।
4. गंगा नदी
यह व्हाइट वाट रिवर राफ्टिंग के लिए सबसे बेहतरीन नदी है। यहा राफ्टिंग के लिए चार ट्रैक हैं। पहला ट्रैक ब्रह्मपुरी से ऋषिकेश (9 किमी), दूसरा शिवपुरी से ऋषिकेश (16 किमी), तीसरा ट्रैक मरीन ड्राइव से ऋषिकेश (25 किमी) और चौथा और सबसे बड़ा ट्रैक कौड़ियाला से ऋषिकेश (36 किमी)। वीकेंड पर 25 से 50 हजार पर्यटक यहां राफ्टिंग का लुत्फ उठाने के लिए पहुंचते हैं

5. टोंस नदी
-उत्तरकाशी में टोंस नदी में मोरी से त्यूनी के बीच राफ्टिंग कराई जाती है। यहां ट्रैक की लंबाई 10 से 30 किलोमीटर है, यहां केवल मानसून काल में 30 जून से 30 अगस्त तक राफ्टिंग नहीं होती है।
6. लोहित नदी
-अरुणाचल प्रदेश में पर्यटक लोहित नदी के राफ्टिंग करते हुए बर्फ से ढकी पहाड़ियों और जंगलों से होते हुए राफ्टिंग का मजा उठाते हैं। बॉर्डर से ह्युलियांग तक राफ्टिंग ट्रैक की लंबाई करीब 100 किलोमीटर है।
7. स्पीति नदी
-हिमाचल प्रदेश के स्पीति नदी में 180 किलोमीटर का राफ्टिंग ट्रैक है। राफ्टिंग का अंतिम प्वाइंट सुमडो होता है। यहां ट्रैक को पूरा करने में करीब छह दिन लग जाते हैं।
8. बारापोल कुर्ग
-कर्नाटक के बारापोल कुर्ग में बरापोल से कुर्ग नदी के बीच 150 किलोमीटर ट्रैक पर राफ्टिंग होती है। यहां राफ्टिंग करना प्रोफेशनल खिलाड़ियों के लिए भी चुनौती होती है।
9. भागीरथी नदी
– उत्तराखंड में भागीरथी नदी में रैपिड प्रोफेशल खिलाड़ियों को चकरा देते हैं। यहां 150 किलोमीटर ट्रैक पर राफ्टिंग होती है।
10. अलकनंदा नदी
-उत्तराखंड में अलकनंदा नदी के 25 किलोमीटर के ट्रैक में चार और पांच ग्रेड के रैपिड हैं। पर्यटकों को राफ्टिंग के दौरान लगातार इन रैपिड का सामना करना पड़ता है।
11. कुंडलिका नदी
महाराष्ट्र में कुंडलिका नदी में में राफ्टिंग के रोमांच का अनुभव जिंदगी भर याद रहता है। यहां व्हाइट वाटर रिवर राफ्टिंग के लिए यह भी काफी उपयुक्त नदी है। महाराष्ट के कोलाड में वीकेंड पर घूमने वाले लोग यहां 10 किलोमीटर के ट्रैक पर राफ्टिंग करते हैं।
12. ब्रह्मपुत्र नदी
अरुणाप्रदेश में ब्रह्मपुत्र नदी के 108 किलोमीटर के ट्रैक को कवर करने में पांच दिन का समय लगता है। डिब्रूगढ़ से लेकर पासीघाट तक नदी का कठिनाई स्तर बेहद चुनौतीपूर्ण है।

By Tarun

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