तीर्थनगरी में राफ्टिंग संचालक अधिक मुनाफा कमाने की फेर में पर्यटकों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। यहां रोजाना ओवर लोडिंग और सूर्यास्त के बाद राफ्टिंग करने का मामले सामने आ रहे हैं। जिला पर्यटन विभाग नियमों का उल्लंघन करने वाले राफ्टिंग संचालकों पर नकेल कसने में नाकाम साबित हो रहा है।गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण 30 जून के बाद राफ्टिंग का संचालन बंद हो जाएगा। जल स्तर कम होने पर सिंतबर में इसका संचालन पुन: शुरू होगा। राफ्टिंग संचालकों के पास अब मात्र 17 दिन का समय शेष रह गया है। ऐसे में राफ्टिंग के शौकीनों की भी भीड़ बढ़ रही है। मौके का फायदा उठाकर राफ्टिंग संचालक ओवर लोडिंग, ओवर रेटिंग के साथ ही सूर्यास्त के बाद भी पर्यटकों को गंगा में राफ्टिंग करवा रहे हैं। राफ्ट संचालक अपने वाहनों में एक राफ्टिंग की जगह-जगह दो-दो राफ्टिंग ढो रहे हैं। इन वाहनों में ही पर्यटकों को बैठाकर राफ्टिंग के लिए पूर्णानंद, खारा स्रोत, शिवानंद गेट, तपोवन से ब्रह्मपुरी, शिवपुरी, क्लब हाउस और मरीन ड्राइव की ओर ले जाते हैं। इस बीच वन विभाग का ब्रह्मपुरी से पहले नीरगड्डू में बैरियर पड़ता है। इस बैरियर पर बाकायदा इनकी जांच होती है। लेकिन वन विभाग और जिला पर्यटन की मिलीभगत के चलते ओवर लोडिंग और सूर्यास्त के बाद राफ्टिंग पर रोक नहीं लग पा रही है।विभागीय कर्मचारी इन पर निगरानी बनाए हुए हैं, यदि ऐसा है तो इस ओर चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। सूर्यास्त के बाद राफ्टिंग कराने वाले राफ्ट संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-खुशाल नेगी, साहसिक पर्यटन अधिकारी टिहरी।
