बता दें कि वर्ष 2019 में दस लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए थे। सीमित जगह व संसाधनों के चलते यात्रियों को दिक्कतें भी हुईं। ऐसे में इस बार प्रशासन शुरू से ही अपने स्तर से कोई कमी नहीं रखना चाहता है।

केदारनाथ में अधिक तीर्थयात्रियों के आने पर अव्यवस्थाएं न हों इसको देखते हुए अब धाम में रात को सिर्फ 6000 श्रद्धालु ही ठहराए जा सकेंगे। जबकि पूर्व में यह आंकड़ा आठ हजार के पार था। साथ ही सोनप्रयाग से ही यात्रियों के ठहरने और गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर जंगलचट्टी से लिनचोली तक भी दो हजार यात्रियों की व्यवस्था की जाएगी। डीएम ने यात्रा से जुड़े विभागों को समयबद्ध तैयारियां पूरी करने को कहा है

छह मई से शुरू हो रही बाबा केदार की यात्रा में इस बार श्रद्धालुओं के काफी संख्या में पहुंचने की उम्मीद है। केदारघाटी के होटल, लॉज, रेस्टोरेंट के साथ ही जीएमवीएन को जून माह तक फुल बुकिंग मिल चुकी है। साथ ही प्रशासन भी तैयारियों में जुटा हुआ है। यात्रियों के ठहरने के लिए योजना बनाई जा रही है, जिससे धाम में अव्यवस्था का माहौल पैदा न हो।
धाम में यात्रियों का कम से कम दबाव रहे इसके लिए केदारनाथ में रात्रि के लिए 6000 श्रद्धालुओं को ही ठहराया जाएगा। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर जंगलचट्टी, भीमबली, छोटी लिनचोली, बड़ी लिनचोली में दो हजार श्रद्धालुओं को ठहराया जा सकेगा। बता दें कि वर्ष 2019 में दस लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए थे। सीमित जगह व संसाधनों के चलते यात्रियों को दिक्कतें भी हुईं। ऐसे में इस बार प्रशासन शुरू से ही अपने स्तर से कोई कमी नहीं रखना चाहता है।

केदारनाथ के मौसम, परिस्थितियों और जगह के हिसाब से रात में छह हजार यात्रियों के ठहरने का इंतजाम किया जा रहा है। धाम में यात्रियों का अधिक दबाव न रहे, इसके लिए सोनप्रयाग से ही पुख्ता व्यवस्था की जा रही है। यात्रा में आने वाला प्रत्येक यात्री यहां से अच्छा संदेश लेकर जाए इस प्राथमिकता के साथ व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

By Tarun

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