मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बीते कुछ समय में चार धाम यात्रा में जितनी भी मौतें हुई हैं, वे यात्रा में अव्यवस्था एवं भगदड़ मचने से नहीं, बल्कि अन्य स्वास्थ्यगत कारणों से हुई हैं। केदारनाथ में पहले दिन दर्शन के दौरान भारी अव्यवस्थाएं सामने आई थीं।
चारों धामों में आम श्रद्धालु के वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी गई है। प्रोटोकॉल के तहत आने वाले गणमान्यों को ही वीआईपी दर्शन की सुविधा प्राप्त होगी, लेकिन हेली सेवा से दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को केदारनाथ मंदिर में वीआईपी दर्शन नहीं हो सकेंगे। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि हेली सेवा से आने वालों को भी तीर्थयात्रियों के साथ दर्शन की कतार में खड़ा होना होगा।चारों धामों में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने के बाद वीआईपी दर्शन से अव्यवस्था की शिकायतें शासन को प्राप्त हुई थीं। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीआईपी दर्शन पर पूरी तरह से रोक लगाते हुए चारों धामों में दर्शन की एक समान व्यवस्था लागू कर दी। लेकिन उनके इस आदेश के बाद यह स्पष्ट नहीं हो सका कि प्रोटोकॉल के दायरे में आने वाले महानुभावों के वीआईपी दर्शन की स्थिति क्या होगी?क्या प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री व अन्य महानुभाव भी भगवान के दर्शन के लिए कतार में खड़े होंगे? इस प्रश्न की पड़ताल की गई। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने स्पष्ट किया कि केदारनाथ में प्रोटोकॉल वाले गणमान्य लोगों के वीआईपी दर्शन पर रोक नहीं होगी। अलबत्ता हेली सेवा के माध्यम से धाम पर आने वाले श्रद्धालुओं को वीआईपी दर्शन नहीं हो सकेंगे। उन्हें आम श्रद्धालुओं के साथ लाइन में खड़े होकर दर्शन करने होंगे। यानी मंदिर में आम श्रद्धालुओं के वीआईपी एंट्री पर रोक रहेगी।
