अमृतसर 19 अक्टूबर ( पूनम)- सनातन धर्म में गाय को मां का दर्जा दिया गया है मां का दर्जा हर समाज में सबसे ऊंचा स्थान रखता है। इतना ही नहीं सनातन धर्म की परंपराओं के अनुसार गाय में ही 33 कोटि देवी देवता वास करते हैं इसलिए सनातन धर्म समाज के लिए गाय एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है जो हर तरह पूजनीय है लेकिन जवाहर खेड़ा नगर उन्नाव में स्थित कान्हा गौशाला का हाल बिल्कुल सनातन परंपराओं के उलट दिखाई देता है। साध्वी सुश्री रजनी कृष्ण की ओर से जब इस गौशाला में कुछ कार्य वह गाय को नतमस्तक होने के लिए पहुंची तो उनके मन को काफी आघात पहुंचा , उन्होंने संत समाज न्यूज़ की टीम को से बात करते हुए बताया कि वहां का हाल काफी दयनीय था, गाय की स्थिति काफी दयनीय थी। उन्होंने बताया कि काफी गाय बिना खाने-पीने के तड़प रही थी और कुछ गाय अपनी अव्यवस्था के चलते हुए अपनी जीवन लीला समाप्त कर चुकी थी। इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि जिस स्थान पर गाय को रखा गया था वह स्थान पूरी तरह से मिट्टी और पानी से लबालब भरा था जिसके कारण कीचड़ में रहने की वजह से गाय को काफी नुकसान पहुंच रहा था। उन्होंने कहा कि इस गौशाला में काफी गाय ऐसी थीं जो जख्म से तड़प रही थी लेकिन उन्हें संभालने वाला वहां पर कोई नहीं था। इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि गौशाला में लोगों को चारा तक की व्यवस्था नहीं थी और ना ही पीने के लिए उचित पानी के प्रबंध थे।

क्या कहते हैं अधिकारी- इस बाबत जब उन्नाव के नगर परिषद के ईओ ओम प्रकाश जी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शेड की मांग गौशाला की ओर से की गई थी जिस को जल्द से जल्द पूरा कर दिया जाएगा इसके अलावा जो गाय बीमार हैं उनकी व्यवस्था के लिए डॉक्टर लगातार वहां पर जाते हैं और उनका इलाज भी किया जा रहा है रही बात चारे की तो चारे की पूरी व्यवस्था गौशाला में है

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