गोरखनाथ थाने में तैनात सिपाहियों (पीएसी जवान) पर हमला करने के आरोपित मुर्तजा के खिलाफ गोरखनाथ थाने में हत्या की कोशिश, धार्मिक भावना भड़काने, सरकारी काम में बाधा डालने की धाराओं में केस दर्ज किया गया था। बाद में एटीएस ने यूएपीए (गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) की धारा बढ़ा दी।
गोरखपुर जिले के गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात सिपाहियों (पीएसी जवान) पर हमला करने के आरोपित अहमद मुर्तुजा अब्बासी से पूछताछ के लिए सात दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड की मांग सोमवार को एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) के प्रभारी न्यायाधीश मोहम्मद गजाली ने मंजूर कर लिया। एटीएस टीम मुर्तुजा को 26 अप्रैल सवेरे 11 बजे से तीन मई सवेरे 11 बजे तक कस्टडी में रखेगी।इससे पहले, सोमवार सुबह गोरखपुर जेल से मुर्तजा को कड़ी सुरक्षा के बीच लखनऊ ले जाया गया। सुबह करीब पांच बजे एसटीएस की टीम मुर्तजा को लेकर निकली और सुबह 11:30 बजे लखनऊ कोर्ट में पेश किया। इसके साथ ही जेल अधीक्षक का पत्र भी कोर्ट में पेश किया गया। इसमें जेल अधीक्षक ने आरोपी को लखनऊ जेल में रखने का अनुरोध किया था।इस पर कोर्ट ने आरोपी को लखनऊ जेल में रखने का आदेश देते हुए उसे 30 अप्रैल तक जेल भेज दिया। इसके बाद एटीएस के विवेचक और डिप्टी एसपी संजय वर्मा की ओर से एटीएस के संयुक्त निदेशक अतुल कुमार ओझा ने आरोपी को सात दिन के लिए पुलिस कस्टडी में देने की मांग वाली अर्जी कोर्ट में दी। इस अर्जी को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने मुर्तजा को सात दिन के रिमांड पर दे दिया है।
बता दें कि गोरखनाथ थाने में तैनात सिपाहियों (पीएसी जवान) पर हमला करने के आरोपित मुर्तजा के खिलाफ गोरखनाथ थाने में हत्या की कोशिश, धार्मिक भावना भड़काने, सरकारी काम में बाधा डालने की धाराओं में केस दर्ज किया गया था। बाद में एटीएस ने यूएपीए (गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) की धारा बढ़ा दी। 16 अप्रैल को एसीजेएम कोर्ट ने मुर्तजा को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के साथ केस लखनऊ की विशेष कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था