सोशल मीडिया के जरिए महारुद्राभिषेक में 21 देशों के छह हजार भक्तों ने भाग लिया। 1331 परिवारों ने घरों में पूजा करके कोरोना वायरस से मुक्ति की भोलेनाथ से कामना की।
लॉकडाउन के कारण मथुरा-वृंदावन के मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद हैं। ऐसे में मंदिरों के सेवायत भगवान की सेवा में जुटे हुए हैं, तो भक्त घरों में रहकर अपने आराध्य की आराधना कर रहे हैं। इस बीच सोमवार को तीर्थनगरी वृंदावन में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के नाश के लिए भगवान शिव का महारुद्राभिषेक कर विशेष पूजा-अर्चना की गई।
महारुद्राभिषेक में सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से 21 देशों के करीब छह हजार लोग जुड़े। इस धार्मिक अनुष्ठान में 1331 परिवारों ने अपने घरों में पूजा करके कोरोना वायरस से मुक्ति की भोलेनाथ से कामना की।
वृंदावन के राधाकांत मंदिर में आचार्य विष्णुकांत शास्त्री और भागवताचार्य मृदुलकांत शास्त्री के आचार्यत्व में हुए महारुद्राभिषेक में परिवारों ने सामाजिक दूरी का पालन किया। दोपहर तीन बजे तक 42 हजार भक्तों ने इसे सोशल मीडिया पर लाइव देखा।
संघ के सह सर कार्यवाह कृष्णगोपाल ने भी लिया हिस्सा
खास बात यह कि दिल्ली में संघ कार्यालय पर सह सर कार्यवाह कृष्णगोपाल ने भी महारुद्राभिषेक में भाग लिया। भागवताचार्य मृदुलकांत शास्त्री ने बताया कि मॉरीशस, यूएसए, यूके, जर्मनी, इटली, म्यामांर, कनाडा, हांगकांग, घाना, चीन, इंडोनेशिया, सिंगापुर सहित 21 देशों के भक्तों ने सहभागिता की।
धार्मिक अनुष्ठान में सुदामा शास्त्री, रविशंकर मिश्र, शिवशरण करवरिया, कैलाश पाठक, अवधनरेश मिश्र, संजय नगायच, ब्रजमोहन मिश्र, अरुण, सीताराम, जानकीशरण, मोहन सैनी, सुमित, गोविंद, सोनू वर्मा और कृष्णकांत ने सहयोग किया।