जमरानी परियोजना के तहत हैड़ाखान मंदिर के विस्थापन को लेकर एसडीएम नैनीताल, वन विभाग और जमरानी परियोजना के अधिकारियों ने संयुक्त निरीक्षण किया।
जमरानी बांध परियोजना के प्रबंधक हिमांशु पंत ने बताया कि हैड़ाखान मंदिर डूब क्षेत्र में आ रहा है। मंदिर से करीब 60 मीटर ऊपर वन भूमि मंदिर विस्थापन के लिए चिह्नित की गई है। एसडीएम नैनीताल प्रतीक जैन ने बृहस्पतिवार को हैड़ाखान मंदिर के विस्थापन के लिए दी जाने वाली भूमि का निरीक्षण किया। एसडीएम ने बताया कि पहले जो जमीन आश्रम के लिए दी गई थी उससे समिति और गांव के लोग संतुष्ट नहीं थ। अब वन पंचायत 2.5 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है उससे लोग संतुष्ट हैं। यह भूमि गौला के नजदीक है। प्रबंधक हिमांशु पंत ने बताया कि डूब क्षेत्र में पेड़ों की गिनती कर ली गई है। मंदिर विस्थापन के लिए वन भूमि का प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। प्रयास है कि राज्य नोडल से ही वन भूमि का हस्तांतरण किया जा सके। निरीक्षण के दौरान मंदिर समिति के कर्नल बीएस राणा, प्रबंधक राजेश मेहरा, वन रेंजर किशन सिंह शाही, संघर्ष समिति के हरेंद्र सिंह संमल आदि थे।