योगनगरी ऋषिकेश को जीवनदायनी गंगा का वरदान मिला है। गंगा के नैसर्गिक स्वरूप के दर्शन के लिए रोजाना हजारों पर्यटक यहां पहुंचते हैं, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि तीर्थनगरी में गंगा गंदगी से कराह रही है। पर्यटक यहां गंगा घाटों और तटों पर घूमने के कचरा यहीं छोड़ जाते हैं। गंगा तटों पर प्लास्टिक की बोतल, बीयर, शराब की बोतलें और अन्य गंदगी बिखरी रहती है। इसके अलावा कहीं गदेरों की गंदगी तो कहीं नालों की गंदगी सीधे गंगा नदी में मिल रही है। गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए स्थानीय प्रशासन केवल रैली और जागरूकता में ही सिमट रहा है।
ग्राम पंचायत तपोवन के अंतर्गत नीमबीच पर पर्यटक और सैलानी मौजमस्ती करने के साथ सारी गंदगी गंगा तट और मां गंगा में प्रवाहित कर रहे हैं। नगर पंचायत स्वर्गाश्रम जौंक अंतर्गत वार्ड नंबर दो के किरमोला घाट के समीप नाला टेप नहीं होने से क्षेत्र की सारी गंदगी गंगा में मिल रही रही है। इसके अलावा निकाय क्षेत्र अंतर्गत संत सेवा घाट, भागीरथी घाट, लक्ष्मणझूला घाट, किरमोलाघाट, राधेश्यामघाट, नावघाट, लक्ष्मीनारायणघाट, गीताभवन घाट, भारत साधु समाज घाट, और वेदनिकेतन घाट पर स्थानीय लोगों और पर्यटकों के गंदगी छोड़ने कारण घाट बदहाल बने हुए हैं। नगरपालिका मुनिकीरेती ढालवाला के अंतर्गत खारास्रोत की सारी गंदगी गंगा नदी में जा रही है। शत्रुघ्नघाट, पूर्णानंद घाट और खारास्रोत में लगी रेहडी और अस्थायी दुकानों से पर्यटक खाद्य सामग्री खरीदते हैं और प्लास्टिक, कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतलें, चिप्स, नमकीन के रैपर, शराब और बीयर की बोतलें जैसी गंदगी नदी में बहा जाते हैं। नगर निगम ऋषिकेश के अंतर्गत त्रिवेणीघाट में गंदगी फैली है। यहां निगम की ओर से कूड़ेदान लगाए गए हैं, लेकिन वे शोपीस बने हुए हैं।
विलुप्त हो गई सरस्वती
सरस्वती, यमुना और गंगा का संगम होने के चलते इस स्थान का नाम त्रिवेणीघाट पड़ा। पौराणिक मान्यता है कि कई दशक पहले सरस्वती यहां लघु रूप में बह रही थी। रघुनाथ मंदिर के समीप यमुना कुंड से मां यमुना बहती है, जो गंगा में मिलती हैं। इन तीनों नदियों के संगम से यहां त्रिवेणीघाट नाम पड़ा था, लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि गंदगी के कारण मां सरस्वती यहां विलुप्त हो गई है। त्रिवेणीघाट में पार्किंग के समीप मां यमुना की धारा निकल रही है, लेकिन स्थानीय फक्कड़ बाबाओं और निगम की लापरवाही से यमुना की धारा भी विलुप्त होने के कगार पर है। यहां धारा के नजदीक फक्कड़ बाबाओं के कपड़े आदि बिखरे हुए हैं। निगम की ओर से धारा के समीप ही कूड़ेदान रखे गए हैं, जो गंदगी से भरे हुए हैैं। गंदगी के कारण श्रद्धालु यमुना की धारा के दर्शन करने से भी वंचित हो रहे हैं।
किरमोला घाट के समीप गंगा नदी में बह रहे नाले को टेप करने की व्यवस्था की जा रही है। निकाय प्रशासन की ओर से समय-समय पर स्थानीय लोगों और पर्यटकों को गंगा को स्वच्छ बनाए रखने के लिए जागरूक किया जाता है।
-मंजू चौहान, अधिशासी अधिकारी, नगर पंचायत स्वर्गाश्रम जौंक।
पालिका प्रशासन की ओर से समय-समय पर स्थानीय लोगों और पर्यटकों को जागरूक किया जाता है। गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ पालिका प्रशासन की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी।-TARUN HARIDWAR