सरबती गेहूं की पैदावार केवल मध्य प्रदेश के सीहोर और विदिशा जिले में ही होती है। मध्य प्रदेश में इसकी औसत उपज 12 क्विंटल प्रति एकड़ है। सरबती एक उच्च गुणवत्ता का गेहूं है, जिसमें प्रोटीन की मात्रा सामान्य गेहूं से डेढ़ प्रतिशत और पोटेशियम व मैग्नीशियम की मात्रा सामान्य गेहूं से तीन से पांच प्रतिशत अधिक होती है।
उत्तर भारतीय भी जल्द मध्य प्रदेश में उगाए जाने वाले गेहूं की सरबती प्रजाति के आटे की रोटियों का स्वाद ले सकेंगे। जीबी पंत कृषि विवि के वैज्ञानिकों ने मध्य प्रदेश से गेहूं की सी-306 (सरबती) प्रजाति का बीज मंगवाकर सीआरसी में सफल उत्पादन कर सूक्ष्म परीक्षण किया है।निदेशक शोध डॉ. एएस नैन ने बताया कि सीआरसी में सरबती गेहूं की उपज पर किए गए परीक्षणों में औसत उत्पादन करीब नौ क्विंटल प्रति एकड़ पाया गया। मध्य प्रदेश में इसकी औसत उपज 12 क्विंटल प्रति एकड़ है। सरबती एक उच्च गुणवत्ता का गेहूं है जिसमें प्रोटीन की मात्रा सामान्य गेहूं से डेढ़ प्रतिशत और पोटेशियम व मैग्नीशियम की मात्रा सामान्य गेहूं से तीन से पांच प्रतिशत अधिक होती है।इसमें शर्करा (ग्लूकोज व सुक्रोज) की मात्रा भी सामान्य गेहूं से अधिक है जिसके चलते इसका आटा कुछ मीठा होता है। वर्तमान में ऑनलाइन प्लेटफार्म पर सरबती आटे के 10 किलो के बैग की कीमत 900 रुपये से 1000 रुपये तक है। पादप रोग वैज्ञानिक डॉ. दीपशिखा ने बताया कि सीआरसी में इस प्रजाति में किसी प्रकार के रोग का प्रकोप नहीं पाया गया। चूंकि उत्तर भारत में लीफ रस्ट गेहूं की प्रमुख बीमारी है, इस प्रजाति पर विभिन्न रोगों की प्रतिरोधक क्षमता जांचने के लिए परीक्षण किए जाएंगे।