आरएसएस के प्रशिक्षण शिविर के समापन पर शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि आज देश में कई स्कूल और विश्वविद्यालय चल रहे हैं। आरएसएस एक ऐसा विश्वविद्यालय है जो राष्ट्र निर्माण और समाज के हृदय परिवर्तन का काम करता है। आरएसएस कोई आंदोलन और दल नहीं, बल्कि एक परिवार है। जिस परिवार की कल्पना पर सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति लगातार आगे बढ़ रही है।शनिवार को सरस्वती विद्या मंदिर भेल सेक्टर-2 में चल रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पश्चिमी उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के संघ शिक्षा वर्ग द्वितीय वर्ष (सामान्य) के समापन पर मुख्य वक्ता जे नंद कुमार ने कहा कि छत्रपति शिवाजी ने उस काल में भी हिंदुत्व की पताका फहराने का काम किया।
शिवाजी ने हिंदुत्व के आधार पर संगठित, शक्तिशाली राष्ट्र की कल्पना की थी। उनके आदर्शों पर चलकर सभी को भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने के लिए कमर कसनी होगी। जब तक महाभारत और रामायण रहेगी, तब तक भारत जिंदा रहेगा। 21वीं शताब्दी, हिंदुत्व की शताब्दी है। उन्होंने कहा कि जो लोग अब तक देश की सत्ता पर रहे उन्होंने अपने हिसाब से इतिहास लिखा लेकिन हमें सही इतिहास को पढ़ना और सीखना है। आज हम आजादी के 75वें साल का अमृत महोत्सव मना रहे हैं इसलिए स्वयंसेवकों का दायित्व बनता है कि वह समाज में जाकर सही जानकारी दें।
इस मौके पर क्षेत्र प्रचारक महेंद्र, क्षेत्र प्रचार प्रमुख जगदीश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख पदम, प्रांत प्रचारक युद्घवीर, प्रांत कार्यवाह दिनेश सेमवाल, विद्या भारती के प्रदेश निरीक्षक विजयपाल सिंह, नरेश, सुशील, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नगर विधायक मदन कौशिक, सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, कल्पना सैनी, भाजपा संगठन मंत्री अजेय कुमार, आचार्य महामंडलेश्वर ब्रह्मचारी कैलाशानंद, महंत रविदेव शास्त्री आदि मौजूद रहे।
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स्वयंसेवकों ने किया योग
हरिद्वार। 22 मई से शुरू हुए शिविर में 355 स्वयंसेवकों ने प्रतिभाग किया। स्वयंसेवकों को शारीरिक और बौद्घिक प्रशिक्षण देने के साथ ही संघ की गतिविधियों को बारीकी से बताया गया। स्वयंसेवकों ने समापन अवसर पर योग, व्यायाम आसन, दंड युद्ध, दंड प्रहार आदि का प्रदर्शन किया। घोष व बैंड बाजा पर मैदान में पथ संचलन का प्रदर्शन भी किया गया। समापन पर सभी स्वयंसेवकों और लोगों को मिष्ठान का वितरण भी किया गया।