कोविड की दूसरी लहर के बीच अखाड़ों में कोरोना संक्रमण ने दस्तक दी है। सबसे बड़े संन्यासी अखाड़े श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा और पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के तीन-तीन संत कोविड संक्रमित मिले हैं। इससे अखाड़ों में अब संक्रमण के फैलने की आशंका बढ़ गई है। स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमित संतों के संपर्क में आए सभी सभी संतों के चिन्हीकरण शुरू कर दिया है। सभी संतों को आइसोलेट होने की सलाह के साथ कोविड जांच कराने के लिए कहा गया है। हरिद्वार में शाही स्नान की तैयारियों के साथ कोविड का खतरा भी बढ़ रहा है। जिले में शनिवार को 217 लोग संक्रमित मिले। राज्यसीमा पर 19 कोविड संक्रमित मिले, जिनको लौटा दिया गया। सहायक निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व और रेंजर विजय कुमार सैनी संक्रमित पाए गए है। एक निजी स्कूल की तीन शिक्षिकाएं भी कोविड संक्रमण की चपेट में आई हैं। शिवालिक नगर में 12, पतंजलि योगपीठ में पांच, आदर्श नगर रुडकी में पांच और मायापुर में चार लोग संक्रमित मिले हैं। राज्यसीमा पर 10 हजार लोगों की कोविड जांच की गई। वहीं 17644 लोगों के आरटी-पीसीआर जांच के लिए स्वैब सैंपल लिए गए हैं। जनपद में अब कोविड संक्रमितों की संख्या बढ़कर 729 हो गई है। वहीं 44 लोग कोरोना को मात देकर स्वास्थ्य हुए हैं। वहीं राज्यसीमा से बिना पंजीकरण के आए 4500 वाहन को लौटाया गया है।
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जूना और श्रीनिरंजनी अखाड़े के तीन-तीन संत संक्रमित मिले हैं। संतों के संपर्क में आए संतों और अन्य लोगों को चिह्नित किया जा रहा है। संपर्क में आए संतों से स्वयं को आइसोलेट करने की अपील की जा रही है। संपर्क में आए सभी लोगों के कोविड जांच के लिए सैंपल लिए जाएंगे।
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