कुंभ पुलिस महाकुंभ के दौरान ट्रैफिक प्लान के साथ सुरक्षा के कड़े इंतजाम की भी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी हुई है। इस साल होने वाले महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में किसी भी आतंकी घटना को नाकाम करने के लिए एंटी टेररिस्ट (एटीएस) स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के कमांडो की भी तैनाती होगी। यह बाद में तय किया जाएगा कि एनएसजी के कमांडो को कहां-कहां तैनात किया जाएगा।एनएसजी के टीम कमांडर मुकुल चौधरी ने शनिवार को आईजी कुंभ संजय गुंज्याल से उनके कार्यालय में मुलाकात की। पुलिस महानिरीक्षक और टीम कमांडर के बीच कुंभ मेला में की सुरक्षा व्यवस्थाओं के संबंध में बातचीत भी हुई। इस दौरान कुंभ मेले को आतंकवादी हमलों से सुरक्षित बनाने एंटी टेररिस्ट कार्रवाई करने और अन्य सुरक्षा उपायों पर विचार विमर्श किया गया।

बातचीत के दौरान टीम कमांडर मुकुल चौधरी ने पुलिस महानिरीक्षक कुंभ मेला संजय गुंज्याल को बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड की दो टीमें कुंभ मेले में सुरक्षा के लिए आएंगी। पहली टीम फरवरी व दूसरी टीम मार्च के शुरूआत में पहुंच जाएगी। एक टीम में 75 कमांडोे शामिल होंगे।

प्रमुख बिंदुओं पर तैनात रहेंगे कमांडो

एनजीए के गार्ड प्रमुख बिंदुओं पर तैनात रहेंगे। हालांकि उनके साथ ही एटीएस व उत्तराखंड पुलिस के जवान भी तैनात किए जाएंगे। इसके लिए रूपरेखा बाद में तैयार की जाएगी।

अखाड़ों में समय पर होगी सभी व्यवस्थाएं’

मेला प्रशासन कुंभ की तैयारियों में जुट गया है। मेलाधिकारी दीपक रावत ने जूना अखाड़े में चले रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने संतों से कहा कि धर्मध्वजा समेत विभिन्न व्यवस्थाओं को समय पर पूरा कर लिया जाएगा।

मेलाधिकारी दीपक रावत और अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह जूना अखाड़ा पहुंचे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि ने मेलाधिकारी को परिसर में स्थापित होने वाली जूना अखाड़ा, आह्वान अखाड़ा और अग्नि अखाड़ा की धर्मध्वजाओं के स्थल और चरण पादुकाओं के विषय में जानकारी दी।

पेयजल, बिजली, शौचालय, सीवर लाइन, सड़क और अन्य सुविधाओं की कार्य प्रगति के बारे में बताया। महंत हरिगिरि ने रामलीला मैदान में सन्यासियों के बनाए जाने वाले माईबाड़े में सुविधाओं और समुचित सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की।

उन्होंने मेलाधिकारी को बताया कि अखाड़ा के परिसर में जूना अखाड़ा के साथ आह्वान और अग्नि अखाड़े के नागा सन्यासियों की छावनी भी बनती हैं। इनके अतिरिक्त अलख दरबार और माईबाड़े की छावनी अलग से बनाई जाती है। उन्होंने बताया कि शिविर और टीनशेड में बनाई जानेवाली छावनियों में हजारों नागा साधु और संन्यासिनी मेला अवधि में निवास करती हैं।

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