कनखल स्थित अखाड़े में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि अखाड़े की पेशवाई की शोभा बढ़ाने के लिए जल्द ही जोधपुर से हथिनी पवनकली को लाया जाएगा। जो कुंभ मेले के दौरान आकर्षण का केंद्र भी होगी। महंत जसविंदर सिंह ने कहा कि अखाड़े की एकड़ कलां शाखा से धूमधाम से निकलने वाली पेशवाई में पूरे देश के विभिन्न प्रांतों से जमात के संत बड़ी संख्या में मौजूद रहेंगे।उन्होंने कहा कि अखाड़ों और संत महापुरुषों से ही कुंभ मेले की पहचान है। देश दुनिया से करोड़ों श्रद्धालु गंगा स्नान और संतों से आशीर्वाद लेने के लिए हरिद्वार आते हैं। इसको देखते हुए मेला प्रशासन को समय रहते सभी तैयारियां पूरी कर लेनी चाहिए।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के उपाध्यक्ष महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री ने कहा कि 12 वर्ष के लंबे अंतराल के पश्चात कुंभ मेला आयोजित होता है। करोड़ों श्रद्धालुओं को इसका इंतजार रहता है। उन्होंने कहा कि मेला प्रशासन अखाड़े के पेशवाई मार्ग को जल्द से जल्द दुरुस्त कराए। जिससे कुंभ मेले के दौरान संतों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े। महंत अमनदीप सिंह ने कहा कि कुंभ मेला भारतीय संस्कृति का गौरवशाली पर्व है।
उन्होंने कहा कि मेला प्रशासन एकड़ कलां की सड़कें जल्द से जल्द दुरुस्त कराए। इस दौरान महंत खेमसिंह, महंत बाबूसिंह, संत सुखमन सिंह, संत जसकरण सिंह, संत तलविंदर सिंह, संत शशीकांत सिंह, संत निर्भय सिंह आदि मौजूद रहे।
धर्मध्वजा के लिए छिद्दरवाला से लाएंगे साल के पेड़
कुंभ की तिथि नजदीक आने के साथ कुंभ प्रशासन ने तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। बुधवार को धर्मध्वजा के लिए देहरादून के छिद्दरवाला के जंगल में मेला प्रशासन ने साल के पेड़ों को चिह्नित कर लिया है। अब अखाड़ों के संत वहां जाकर पेड़ों का चयन कर पूजा-अर्चना करने के बाद लाएंगे।
अखाड़ों के संत मेला प्रशासन से धर्मध्वजा की लकड़ी देने के लिए बीते दो सप्ताह से मांग कर रहे थे। मेलाधिकारी दीपक रावत ने बुधवार को अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह के नेतृत्व में टीम को पेड़ों के चयन के लिए देहरादून के छिद्दरवाला जंगल भेजा।
टीम ने जंगल में साल के कई पेड़ों को चिह्नित किया। अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह ने बताया कि चिह्नित पेड़ों को देखने के लिए अखाड़ों के संत वहां जाएंगे। उन्होंने बताया कि सभी अखाड़ों के संतों को इसकी जानकारी दे दी गई है। टीम में देहरादून वन प्रभाग के एसडीओ भरत सिंह मर्तोलिया और रेंजर महेंद्र सिंह भी शामिल रहे।
अधिसूचना जारी होने से पहले पूरे हो जाएंगे कार्य
मेलाधिकारी दीपक रावत ने संतों के साथ बैरागी कैंप क्षेत्र में कुंभ की व्यवस्थाओं की तैयारियों का जायजा लिया। मेलाधिकारी ने कहा कि कुंभ की अधिसूचना जारी होने से पहले ही सभी कार्य पूरे हो जाएंगे।
बुधवार को निरीक्षण में शामिल अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अणि अखाड़ा के बाबा हठयोगी ने मेलाधिकारी से कहा कि पिछले महाकुंभ में क्षेत्र में घाट बना था और टेंट लगाए गए थे। क्षेत्र में छह बाग हैं और इनमें अस्थायी अतिक्रमण हो गया है।
मेलाधिकारी ने कुंभ प्रशासन के अधिकारियों से तत्काल अतिक्रमण हटाकर 2010 कुंभ की तर्ज पर समतलीकरण कराने के निर्देश दिए। बाबा हठयोगी ने कहा कि क्षेत्र में शौचालय, बिजली, पानी आदि की व्यवस्था होनी हैं। हाईमास्ट लाइट लगनी हैं। मेलाधिकारी ने कहा कि सभी व्यवस्थाएं जल्द हो जाएंगी।
मुकदमा दर्ज करने के निर्देश
बैरागी कैंप में निरीक्षण के दौरान मेलाधिकारी ने देखा कि कब्जे करने वाले वाले को बिजली का कनेक्शन दिया गया है। बिजली का यह तार नंगा था और कोई दुर्घटना हो सकती थी। मेलाधिकारी ने ऊर्जा निगम के अधिकारियों को संबंधित व्यक्ति के खिलाफ दूसरों की जान जोखिम में डालने का मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण में शामिल संत एवं अधिकारी
बैरागी कैंप निरीक्षण में अपर मेलाधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र, हरवीर सिंह, एमएनए जय भारत सिंह, उप मेलाधिकारी अशुल सिंह, दयानंद सरस्वती, किशन सिंह नेगी, डीएफओ नीरज कुमार, एसडीएम कुंभ प्रेमलाल, मायादत्त जोशी, विशेष कार्याधिकारी कुंभ मेला महेश शर्मा, अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनि आखाड़ा के श्रीमहंत विष्णुदास, महंत बिहारी शरण, महंत राजेश्वर शरण, महंत प्रेमदास, महंत हितेशदास, महंत शत्रुघ्नदास, महंत मुरारी शरण मौजूद रहे।