बुद्ध पूर्णिमा के स्नान के लिए हरिद्वार में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा है। स्नान के लिए एक दिन पहले ही धर्मनगरी में श्रद्धालुओं की भारी उमड़ी चुकी थी। होटल धर्मशालाएं सभी फुल होने से कई श्रद्धालुओं को गंगा घाटों पर ही रात गुजारनी पड़ी। रात गंगा घाटों पर गुजारने के बाद तड़के श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी सहित गंगा घाटों पर आस्था की डुबकी लगाई।
बुद्ध पूर्णिमा स्नान पर यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए पुलिस ने यातायात प्लान जारी किया था। सोमवार की सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। दिल्ली-मेरठ-मुजफ्फरनगर से हरिद्वार आने वाले हल्के वाहन मंगलौर से डायवर्ट कर रुड़की बाइपास होते हुए हरिद्वार भेजे जाएंगे। यमुनानगर-सहारनपुर से हरिद्वार आने वाले हल्के वाहन भगवानपुर से इमलीखेड़ा से बहादराबाद होते हुए हरिद्वार आएंगे।वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुद्ध पूर्णिमा पर उपलक्ष पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। सीएम ने कहा कि भगवान बुद्ध के करुणा, अहिंसा और समानता का संदेश मानवता के लिए प्रकाश स्तंभ के रूप में काम रहे हैं। गौतम बुद्ध के उपदेश हर परिस्थिति और काल में प्रासंगिक है। उनकी दी गई शिक्षा हमें संयम से आगे बढ़ने का संदेश देती है। महात्मा बुद्ध के विचार व जीवन मूल्य एक बेहतर समाज और राष्ट्र निर्माण के लिए हमेशा मार्गदर्शक रहेंगे।हाईवे पर सुबह से वाहनों की जो लाइन शुरू हुई थी, वह दोपहर तक कम होने का नाम नहीं ले रही थी। सुबह के समय ही ऋषिकुल के बाहर से शांतिकुंज तक जाम लगने लगा। यह जाम ज्वालापुर तक पहुंच गया। दिन चढ़ने के साथ हालात बिगड़ते चले गए। जाम का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि ज्वालापुर से शांतिकुंज की दूरी 10 किलोमीटर और इस दूरी को तय करने में दो से ढाई घंटे लग गए।

By Tarun

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