आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का चार और पांच अप्रैल को हरिद्वार में प्रवास करेंगे। प्रवास के दौरान वह अमरापुर घाट, सतनाम साक्षी घाट और स्वामी सर्वानंद घाट का लोकार्पण करेंगे। मोहन भागवत के हरिद्वार आने की सूचना के बाद पुलिस प्रशासन ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। बता दें कि इससे पहले मोहन भागवत 2019 में हरिद्वार आए थे। उन्होंने आरएसएस के धर्म जागरण मंच की ओर से पतंजलि योगपीठ में आयोजित साधु स्वाध्याय संगम में शिरकत की थी। उन्होंने कहा था कि साधु समाज ही देश को विश्व गुरु बनाने की ताकत रखता है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी से काम करने का आह्वान किया था। साथ ही धर्मांतरण पर चिंता जताते हुए समाज को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए काम करने पर बल दिया था।

दो अप्रैल को शिविर में प्रवेश करेंगे स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती 
नीलधारा स्थित जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की भव्य शिविर बनकर तैयार हो गया। शंकराचार्य दो अप्रैल की शाम शिविर में प्रवेश करेंगे। गंगा की पूजा अर्चना के साथ ही चैत्र मास भी प्रारंभ हो गया। पूर्णिमा तक नियमित रूप से मां गंगा का पूजन एवं सायंकालीन आरती की जाएगी।

प्रथम आरती अग्निपीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि रामकृष्णानंद की ओर से संपन्न कराई गई। इसमें मुख्य अतिथि पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य के शिष्य राजेश ब्रह्मचारी रहे। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि सोमवार को मां गंगा की विधिवत पूजा-अर्चना एवं दिव्य और भव्य आरती के साथ शंकराचार्य शिविर में कुंभ पर्व आरंभ हो गया है।

उन्होंने बताया कि कुंभ तक मां गंगा की पूजा अर्चना एवं सायंकालीन आरती की जाएगी। इसमें देश के विभिन्न प्रांतों से आए श्रद्धालु मां गंगा का पूजन करेंगे। सायंकालीन आरती में स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, ब्रह्मचारी श्रवण आनंद, ब्रह्मचारी मुक्तानंद कृष्णधाम के परमाध्यक्ष प्रेमानंद शास्त्री, हिंदू महासभा के उत्तराखंड प्रभारी स्वामी दामोदर आचार्य, राजस्थान के श्रीमहंत रत्नागिरि, आचार्य करुणानिधान आदि मौजूद रहे।

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