महाकुंभ के शाही स्नान पर यात्रियों को पार्किंग से घाटों तक पहुंचने में कोई परेशानी न हो। इसके लिए 12 और 14 अप्रैल को 700 बसों की शटल सेवा का संचालन किया जाएगा। बसों का संचालन मेला पुलिस करेगी। इस बार यात्रियों को स्नान करने के लिए ज्यादा दूर तक पैदल नहीं चलना पड़ेगा। महाकुंभ मेला के दौरान शाही स्नान पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ हो जाती है। ऐसे में सड़कों पर यात्रियों का दबाव बढ़ जाने पर ऑटो और ई-रिक्शा का संचालन भी बंद कर दिया जाता है। इससे यात्रियों को घाटों तक पहुंचने में कई किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता हैं।महाशिवरात्रि पर्व पर भी शटल सेवा की 100 बसों का संचालन किया जाना था। मेला प्रशासन की लापरवाही के चलते बसों का संचालन नहीं हो सका था। अब 12 व 14 अप्रैल को होने वाले शाही स्नानों को लेकर शटल सेवा की 700 बसें चलाई जाएगी। यह बसें रेलवे स्टेशनों व पार्किंगों से श्रद्धालुओं को घाटों पर लेकर जाएंगी। यह बसें श्रद्धालुओं को वापस भी छोड़ेंगी। आईजी कुंभ मेला के निर्देश पर बसों के रूट निर्धारित किए जा रहे हैं।

खाने की जिम्मेदारी 
बसों के चालकों व परिचालकों के खाने व ठहरने की व्यवस्था परिवहन निगम को करनी होगी। बसें 10 से 15 मार्च के बीच कार्यशाला में नहीं जाएंगी। बस अड्डा भी ऋषिकुल में बना दिया जाएगा। जीपीएस से होगी लैस 
उत्तराखंड परिवहन निगम की जिन बसों में जीपीएस नहीं होगा। उनमें जीपीएस लगवाया जाएगा। ताकि मेला पुलिस के पता चल सके कि इस समय बस कहां पर चल रही है। ऐसे में यदि किसी बस को कहीं पर भेजना होगा वहां पर तुरंत ही उसके चालक की लोकेशन देखकर भेजा जाएगा।

उत्तराखंड परिवहन निगम के हरिद्वार डिपो के अधिकारियों से 700 बसों की सूची, चालकों के मोबाइल नंबर व उनके रजिस्ट्रेशन नंबर समेत मांगी गई है। स्नान से पहले अधिकतर बसें पहुंच गई हैं। इनका संचालन जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। इस बार बसों का संचालन मेला पुलिस करेगी।

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