हरिद्वार. उत्तराखंड के हरिद्वार में शुरू हुए महाकुंभ (Haridwar Mahakumbh 2021) एक अप्रैल से शुरू हो गया. लेकिन कोरोना महामारी के बावजूद श्रद्धालु बड़ी संख्या में कुंभ मेले में पहुंच रहे हैं. इधर, उत्तराखंड सरकार ने भी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कोविड गाइडलाइन जारी की है, जिससे संत नाराज दिख रहे हैं. विशेषकर शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के महाकुंभ क्षेत्र में प्रवेश से पहले उनके उत्तराधिकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (Swami Avimukteshwarananda) ने कोरोना की सरकारी गाइडलाइन पर अपनी खुलकर नाराजगी जाहिर की है.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने न्यूज18 से बात करते हुए कोरोना के लिए जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि “जब बिना रोक-टोक और कोरोना रिपोर्ट के चुनावी सभाएं हो सकती हैं तो फिर बारह वर्षों में होने वाला कुंभ क्यों नहीं?” स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने दो टूक कहा कि सरकार कॉविड टेस्ट रिपोर्ट लाने संबंधी जबरदस्ती के नियम क्यों बना रही है. जिससे श्रद्धालु बेवजह परेशान हो रहे हैं और बॉर्डर पर उन्हें रोका जा रहा है. बॉर्डर पर हो रही परेशानी के कारण महाकुंभ का संदेश श्रद्धालुओं में अच्छा नहीं जा रहा !
बार-बार निर्णय बदल रही है सरकार: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सवाल उठाया कि बिहार, बंगाल, असम और केरल चुनाव में चुनावी रैलियों के दौरान लाखों की भीड़ जमा हो रही है. इस भीड़ में से कितने लोगों के पास कोरोना टेस्ट रिपोर्ट? ऐसा कैसे हो सकता है कि केवल महाकुंभ में ही लोगों के आने से कोरोनावायरस फैल रहा हो. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि सरकार को पूरे देश के लिए एक गाइडलाइन रखनी चाहिए !