दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से संबद्ध हंसराज कॉलेज में गो संवर्धन एवं अनुसंधान केंद्र खोले जाने पर नया विवाद खड़ा हो गया है। कॉलेज के छात्रों का आरोप है कि केंद्र के रूप में गोशाला को गर्ल्स हॉस्टल की जगह पर खोला गया है, जबकि कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. रमा शर्मा का कहना है कि अनुसंधान केंद्र का हॉस्टल की जगह से कोई लेना-देना नहीं है। छात्रों का कहना है कि गोशाला हटाने को लेकर अभियान शुरू करने के साथ हॉस्टल बनाने की मांग बीते दिनों आर्किटेक्ट व इंजीनियरों की टीम ने जमीन के छोटे हिस्से को हॉस्टल बनाने के लिए उपयुक्त नहीं बताया था। हालांकि, जब तक 100 बिस्तरों वाला हॉस्टल नहीं बनता है तब तक कॉलेज प्रशासन 25 से 30 बिस्तरों वाले मिनी हॉस्टल वाली परियोजना पर काम कर रहा है। प्रो. रमा के मुताबिक, गाय रखने से हॉस्टल के बच्चों के लिए शुद्ध दूध की भी व्यवस्था हो सकती है। साथ ही, भविष्य में बायो गैस प्लांट भी लगाया जा सकता है।
गोशाला खुलने का आरोप लगाते हुए एसएफआई यूनिट ने अनुसंधान केंद्र का विरोध जताने का फैसला लिया है। इसके लिए छात्रों ने ऑनलाइन अभियान शुरू भी कर दिया है। छात्रों का आरोप है कि अनुसंधान केंद्र के रूप में गोशाला खोली गई है, वह जगह गर्ल्स हॉस्टल के लिए आरक्षित थी। छात्राओं को हॉस्टल की अधिक आवश्यकता है, लेकिन इसके बाद भी गोशाला खोल दी गई है।

आरोप है कि कॉलेज बंद होने के कारण छात्रों की अनुपस्थिति में बिना सूचना दिए गोशाला बना दी गई है। कॉलेज कोरोना महामारी में छात्रों को फीस व अन्य माध्यमों से राहत देने के बजाय गोशाला पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

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