उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में हरेला पर्व के बाद से सावन की शुरूआत हो गई है। हालांकि मैदानी क्षेत्रों में सावन का पहला सोमवार 25 जुलाई को है। लेकिन पहाड़ी इलाकों में आज सावन का पहला सोमवार है। इस कारण आज तड़के से ही मंदिरों और शिवालयों के बाहर भक्तों की लंबी लाइन लग गई। बारिश भी भक्तों की आस्था को डिगा नहीं सकी।

सावन भगवान शिव का सबसे प्रिय माह होता है। इस बार 19 जुलाई को सावन का पहला सोमवार होने से मंदिरों में जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की लंबी लाइन लग गई। वहीं कोरोना संक्रमण को देखते हुए शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करने के लिए कहा गया है। देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश और हल्द्वानी के साथ ही राज्य के सभी शिवालयों में पूजा अर्चना का दौर जारी है।

टिहरी जिले के देवलसारी महादेव, कोटेश्वर, ओणेश्वर, सत्येश्वर, बूढ़ाकेदार, कुंजेश्वर महादेव मंदिर में भी भक्त पूजा के लिए पहुंचे हैं। पंडित कामेश्वर प्रसाद उनियाल का कहना है कि भगवान शिव का जल धारा, बिल्व पत्र और दूध-दही से अभिषेक करना चाहिए।

सावन माह में की गई शिव उपासना बहुत ही फलदायी होती है और इसका फल बहुत जल्दी मिलता है। देवलसारी मंदिर के पुजारी गगन भट्ट ने जलाभिषेक करने आने वाले श्रद्धालुओं से मास्क पहनकर आने की अपील की है।

 

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