धर्म संसद में नफरती भाषण के मामले में वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की गिरफ्तारी और संतों पर दर्ज मुकदमों के विरोध में सर्वानंद घाट पर आयोजित प्रतिकार सभा में उपस्थित संतों के खिलाफ पुलिस ने केस किया है। पुलिस का कहना है कि प्रतिकार सभा में कोरोना संक्रमण और आपदा प्रबंधन अधिनियम का उल्लंघन हुआ है। इसको लेकर पुलिस अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करेगी। इस मामले का कोर्ट से ही निपटारा होगा।

धर्म संसद में नफरती भाषण देने के मामले में गिरफ्तार यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की गिरफ्तारी के बाद महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद और संत अमृतानंद ने सर्वानंद घाट पर अनशन शुरू कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने नरसिंहानंद को भी गिरफ्तार कर लिया था।
वर्तमान में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने गाइडलाइन भी जारी की हुई है। ऐसे में रविवार को प्रतिकार सभा का आयोजन भी किया गया था। आरोप है कि इसमें बड़ी संख्या में संत शामिल हुए थे। नगर कोतवाली की खड़खड़ी पुलिस चौकी के प्रभारी बिजेंद्र कुमाईं ने कोरोना गाइडलाइन को देखते हुए वाद दायर किया है।

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कोतवाल राकेंद्र कठैत ने बताया कि धर्म संसद के संयोजक आनंद स्वरूप, सागर सिंधु महराज, अमृतानंद, प्रबोधानंद गिरि, शिवानंद के खिलाफ कोरोना संक्रमण एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम की धाराओं में वाद दायर किया गया है। इसकी रिपोर्ट पुलिस कोर्ट में दाखिल करेगी।

बिस्किट खिलाकर खत्म कराया अमृतानंद का अनशन

बिस्कुट खिलाकर खत्म कराया अमृतानंद का अनशन
शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के नफरती भाषण मामले में गिरफ्तारी के बाद सर्वानंद घाट पर अनशन पर बैठे संत अमृतानंद का स्वास्थ्य बिगड़ने पर अन्य संतों ने उनका अनशन समाप्त कराया। रविवार रात प्रतिकार सभा के बाद बिस्कुट खिलाकर उनका अनशन समाप्त कराया गया।

वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की गिरफ्तारी के विरोध में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद और अमृतानंद सर्वानंद घाट पर धरने पर बैठे थे। इसके बाद यति नरसिंहानंद को भी महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। अमृतानंद अकेले ही धरने पर बैठे रहे। उन्होंने अन्न और जल त्याग दिया था। इसके बाद उनका स्वास्थ्य खराब होने लगा था। संतों के आग्रह पर उन्होंने रसाहार पर अनशन करने का निर्णय लिया था।

यति नरसिंहानंद को जेल भेजे जाने के बाद स्वामी अमृतानंद के स्वास्थ्य को देखते हुए धर्म संसद से जुड़े अन्य संतों ने बिस्कुट खिलाकर उनका अनशन समाप्त करा दिया। धर्म संसद के आयोजक स्वामी आनंद स्वरूप का कहना है कि संतों के आग्रह के बाद अमृतानंद का अनशन समाप्त करा दिया गया है। संत स्वस्थ रहेंगे तो आगे की लड़ाई लड़ी जाएगी।

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