मिर्जापुर। आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत के बाद मरीजों से इलाज के नाम पर वसूली करने के साथ कूट रचित दस्तावेज के जरीए सरकारी धन का गबन करने के मामले में रामकृष्ण सेवाश्रम अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जिलाधिकारी के निर्देश के बाद अस्पताल आयुष्मान के टीएमएस पोर्टल से सस्पेंड कर ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है। आरटीआई कार्यकर्ता इरशाद अली ने पीएमओ से रामकृष्ण सेवाश्रम अस्पताल के द्वारा आयुष्मान के मरीजों के बिल में हेराफेरी कर भ्रष्टाचार करने की शिकायत की थी। सीएमओ के निर्देश पर जिला शिकायत प्रबंधक आयुष पांडेय, नोडल आयुष्मान डा. वीके भारती, विजलेंस अधिकारी डा. सुबोध सिन्हा ने जांच किया। जांच में पाया गया कि जिन मरीजों का इलाज आयुष्मान योजना के तहत किया गया और सरकार से लाखों रुपये लिए गए उन्हीं मरीजों से अल्ट्रासाउंड और दवा के नाम पर भी गलत तरीके से उगाही की गई। रिपोर्ट पर जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने अस्पताल को आयुष्मान के पोर्टल से डि-इंपैनल किए जाने की संस्तुति प्रदान की। एक माह पहले रामकृष्ण सेवाश्रम अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई हुई थी। विंध्याचल थाना क्षेत्र के पटेंगरा निवासी प्रदीप कुमार ने सीएमओ को पत्रक देकर आरोप लगाया था कि उसके पिता अमृतलाल प्रजापति को पेट में दर्द था। उनको आयुष्मान योजना के लिए संबंद्ध अस्पताल में ले जाया गया। जहां दो माह पुराने अल्ट्रासाउंड पर आपरेशन किया। जिसके बाद में उसके पिता की मौत हो गई। मामले में जांच के बाद आरोप सही पाए जाने पर अस्पताल के सर्जरी विभाग को ब्लैक लिस्टेड किया गया था।