निर्मल पीठाधीश्वर श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह वेदांताचार्य ने कहा कि कुंभ मेला संत महापुरुषों के ज्ञान, तप एवं वैराग्य को दर्शाता है। देश-विदेश से तपस्वी संत आकर भक्तों को आशीर्वाद प्रदान कर उनका कल्याण करते हैं। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल समाज सेवा के प्रकल्पों के माध्यम से समाज को सदैव ही मानव सेवा का संदेश प्रदान करता आ रहा है। उन्होंने कहा कि नवनियुक्त महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानेश्वर दास तपस्वी संत हैं। जो निर्मल अखाड़े की परंपराओं का निर्वहन कर अखाड़े को उन्नति की ओर अग्रसर करेंगे।जयराम पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि महापुरुषों का जीवन सदैव परोपकार के लिए समर्पित होता है। निर्मल अखाड़े के संतों ने प्रारंभ से ही सेवा भाव का संदेश देकर समाज का मार्गदर्शन किया है। उन्नाव सांसद महामंडलेश्वर सच्चिदानंद हरि साक्षी ने कहा कि कुंभ मेले के दौरान संत महापुरुष विश्व को धर्म का संदेश प्रदान करते हैं। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल की गौरवशाली परंपरा विश्व विख्यात है। कुंभ मेला सनातन संस्कृति का शिखर उत्सव है। कोठारी महंत जसविंदर सिंह एवं महंत रंजय सिंह ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में संतों की अहम भूमिका है। इस दौरान महंत अमनदीप सिंह, महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री, महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद, महंत मोहन सिंह, स्वामी ऋषिश्वरानंद, बाबा हठयोगी, महंत दुर्गादास, महंत प्यारा सिंह, महंत कमलजीत सिंह, महंत दर्शन सिंह, महंत प्रेमदास, महंत निर्मलदास समेत कई संत मौजूद रहे।

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