कोरोनाकाल में कुंभ का आयोजन संक्रमण के प्रसार का बड़ा कारण बना। श्रद्धालुओं की फर्जी निगेटिव कोविड जांच रिपोर्ट के बावजूद कुंभ अवधि के 30 दिन पूरे कोरोनाकाल के 13 महीनों पर भारी रहे। कुंभ अवधि में 17317 पॉजिटिव मरीज मिले थे। जांच रिपोर्ट में खेल नहीं होता तो मरीजों की संख्या कई गुना अधिक हो सकती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की अपील पर 27 अप्रैल का आखिरी स्नान भी सांकेतिक हुआ। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की कोविड जांच नहीं थमी। मेला स्वास्थ्य विभाग ने 11 निजी लैब को कुंभ अवधि में आने वाले श्रद्धालुओं की कोविड की आरटीपीसीआर और एंटीजन जांच के लिए हायर किया था।
लैबों ने फर्जी तरीके से हजारों उन लोगों की निगेटिव रिपोर्ट जारी कर दी जो कुंभ में आए ही नहीं थे। अखाड़ों के संतों की भी बिना सैंपल के निगेटिव रिपोर्ट जारी कर दी। इसके बाद भी कुंभ के 30 दिनों में नए पॉजिटिव मरीजों की संख्या 17317 पहुंच गई। सैकड़ों लोगों ने जान गवाई। इनमें कई संतों की भी मौत हुई।