एटा के मारहरा शरीफ स्थित दरगाह अब बदली-बदली नजर आएगी। जायरीनों की सुविधा के लिए यहां पर्यटन विभाग 50 लाख रुपये से विकास कार्य कराएगा। विश्व विख्यात खानकाह-ए-बरकातिया पश्चिम एशिया की सबसे बड़ी दरगाह है। यहां से बरेली शरीफ के आला हजरत मुरीद हुए हैं, जिनका नाम दुनियां में फैला। यहां उर्स के दौरान देश-विदेश से लाखों की संख्या में जायरीन पहुंचते हैं।

जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर कासगंज रोड पर मिरहची होते हुए मारहरा को रास्ता जाता है। दरगाह शरीफ के सज्जादानशीन सैयद नजीब हैदर नूरी ने बताया कि उनके वंशज बगदाद शरीफ से यहां आए थे। यहां सात कुतुब अभी भी मौजूद हैं। दरगाह में हर वर्ष तीन बार उर्स का आयोजन किया जाता है। देश-विदेश से आने वाले लाखों जायरीनों की सुविधा के लिए पर्यटन विभाग यहां विकास कार्य कराएगा। इससे यहां आने वाले जायरीनों को माहौल बदला-बदला नजर आएगा, वहीं विकास कार्यों का लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा।

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