हरिद्वार में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने और मठ मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने समेत चार अहम प्रस्ताव पास किए गए। बैठक में उपस्थित मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने देवस्थानम बोर्ड में शामिल 51 मंदिरों का मुक्त करने की घोषणा के साथ बोर्ड पर पुनर्विचार का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री की घोषणा का संत समाज और कार्यकर्ताओें ने खुशी जाहिर करते हुए उनका आभार प्रकट किया।विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक शुक्रवार को अखंड परमधाम आश्रम हरिद्वार में हुई। बैठक की अध्यक्षता जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने की। शुभारंभ अखंड परमधाम के परमाध्यक्ष स्वामी परमानंद, निर्वाणी पीठाधीश्वर स्वामी विशोकानंद भारती, स्वामी अविचलदास, स्वामी ज्ञानानंद, स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने किया। विहिप के महामंत्री मिलिंद परांडे ने चार अहम प्रस्ताव रखे। इनमें रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने, देश के सभी मठ-मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से बाहर करने, देश की एकता अखंडता को खतरा पैदा करने वाली धर्मांतरण एवं सामाजिक विद्वेष के समाधान का प्रयास, मद्रास हाईकोर्ट के कार्तिकेय मंदिर के संदर्भ में लिए गए निर्णय कि भक्तों का ट्रस्ट बनाकर मंदिर में पूजा-अर्चना करने का प्रस्तावों को ध्वनिमत से पास किया गया। बैठक में काशी विश्वनाथ मंदिर के परिसर में उत्खनन के कोर्ट के आदेश का स्वागत भी किया गया। बैठक में संतों ने मंदिरों के अधिग्रहण पर विरोध किया। वहीं अधिग्रहित मंदिरों से सरकारी नियंत्रण समाप्त करने की मांग भी की। बैठक में उपस्थित मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुंभ क्षेत्र को मदिरा मुक्त करने और संतों को मेला क्षेत्र में भूमि आवंटन के लिए स्थायी डिजिटल व्यवस्था की घोषणा भी की। बैठक में गैर हिंदू धर्म में विवाह और धर्मांतरण पर व्यापक चर्चा की गई। अयोध्या में निर्माणाधीन भगवान श्रीराम के मंदिर की प्रगति और वर्तमान स्थिति के बारे में तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री और विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने जानकारी दी।

शादाणी दरबार के नवम पीठाधीश्वर डॉ. युधिष्ठिर लाल ने संत समाज से आग्रह करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने आने वाले हिंदुओं का भारत में शरण मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वहां हिंदुओं की जो दुर्दशा हो रही है व हिंदुत्व के ही नहीं वह मानवता के लिए भी चिंता का विषय है। बैठक में  विहिप के संरक्षक दिनेश चंद्र, कार्याध्यक्ष अलोक कुमार, महामंत्री मिलिंद परांडे, संगठन महामंत्री विनायक राव देशपांडे, संयुक्त महामंत्री कोटेश्वर शर्मा, केंद्रीय मंत्री जुगल किशोर, केंद्रीय प्रबंध समिति के सदस्य धर्मनारायण शर्मा, सहमंत्री हरिशंकर, क्षेत्र संगठन मंत्री मनोज वर्मा, प्रांत धर्माचार्य प्रमुख राकेश बजरंगी, बजरंग दल प्रांत संयोजक अनुज वालिया, जिलाध्यक्ष नितिन गौतम आदि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में ये संत रहे उपस्थित  
जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, निरंजन पीठाधीश्वर कैलाशानंद गिरि, आनंद पीठाधीश्वर स्वामी बालकानंद गिरि, स्वामी हरिचेतनानंद, स्वामी ज्ञानानंद गीता मनीषी, स्वामी यतींद्रानंद गिरि, स्वामी प्रेमानंद, स्वामी रूपेंद्रप्रकाश, स्वामी चिदानंद मुनि, स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती, स्वामी कृष्णाचार्य, डॉ. रामेश्वरदास वैष्णव, स्वामी प्रखर महाराज, स्वामी विश्वेश्वरानंद, स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती।

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