राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हरिद्वार पहुंचने के दौरान हाईवे और शहर के अंदर जाम लग गया। राष्ट्रपति के लौटने तक बार-बार जाम लगता रहा। फ्लीट निकलने तक शहर की गलियां और कई मार्गों को बंद कर दिया गया। रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हेलीकॉप्टर से भेल स्थित हेलीपैड पर पहुंचे।
प्रेम सेवा मिशन के रजत जयंती समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मेरी छोटी सी भूमिका से रोपित सेवा का बीज आज वट वृक्ष बन चुका है। मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि संस्था के अध्यक्ष आशीष ने सेवा की जो संकल्पना की है वह इस रूप में साकार होगी। इसके साथ ही मिशन के साथ 25 साल की उनकी यादें फिर से ताजा हो गई हैं। चंडीघाट पुल के नीचे मां गंगा तट पर स्थित दिव्य प्रेम सेवा मिशन परिसर में चल रहे रजत जयंती समापन समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सौभाग्य से देवभूमि उत्तराखंड आने का अवसर उन्हें अनेक बार प्राप्त होता रहा है। इस पवित्र भूमि की यात्रा एक नई ऊर्जा का संचार करती है।उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद संविधान की ओर से अस्पृश्यता का अंत कर उसे दंडनीय बनाया गया लेकिन दुर्भाग्य से सदियों से चली आ रही कुष्ठ रोग से प्रभावित लोगों के प्रति मानसिक अस्पृश्यता आज भी पूरी तरह समाप्त नहीं हो पाई है। यह अज्ञानता आधुनिक युग में भी विद्यमान है। इन्हें दूर करने की दिशा में दिव्य प्रेम सेवा मिशन के सार्थक प्रयासों की वह सराहना करते हैं। कुष्ठ रोगियों की सेवा के उद्देश्य से दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक आशीष ने इस मिशन की नींव रखी। आज से दो दशक पूर्व एक युवा का प्रयागराज से हरिद्वार आकर समाज की परंपराओं के विरुद्ध  इस संस्थान की स्थापना और विकास करना आसान नहीं था। कुष्ठ रोगियों का उपचार, विद्यालयों में कुष्ठ प्रभावित लोगों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करना, छात्रावास की व्यवस्था, विशेषकर बेटियों को भी छात्रावास की सुविधा देना और शोभा स्मृति कौशल विकास केंद्र की स्थापना करना बहुत सराहनीय है।

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