दुनिया बहुत छोटी है, बस हौसला बढ़ा होना चाहिए। बेन बाबा इसके जीवंत उदाहरण हैं। बेन बाबा ने स्विट्जरलैंड से हरिद्वार तक का सफर अपने कदमों से नाप दिया। भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म और योग से प्रभावित बेन बाबा पांच साल में करीब साढ़े छह हजार किलोमीटर पैदल सफर कर हरिद्वार कुंभ स्नान करने पहुंचे हैं।

बेन बाबा पेशे से वेब डिजाइनर हैं। स्विट्जरलैंड की लग्जरी जिंदगी छोड़कर अध्यात्म और योग में रम गए हैं। सनातन धर्म और योग का प्रचार-प्रसार को जिंदगी का मकसद और पैदल विश्व यात्रा को अपनी साधना बना लिया है। 33 वर्षीय बेन बताते हैं भारतीय संस्कृति, परंपरा और सभ्यता अद्भुत है। योग ध्यान और भारतीय वेद पुराण सबसे मूल्यवान हैं। इनमें अलौकिक ताकत है।इन्हीं से प्रभावित होकर भारत भ्रमण का लक्ष्य बनाया। स्विट्जरलैंड में ही हिंदी सीखी। पांच साल पहले स्विट्जरलैंड से भारत के लिए पैदल सफर शुरू किया। चार साल के लंबे सफर के बाद भारत के पहुंचे। पांचवें साल में भारत में भ्रमण कर रहे हैं। मंदिरों, मठों में जाकर भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का अध्ययन कर रहे हैं। हिमाचल के कांगड़ा से 25 दिनों के पैदल सफर के बाद हरिद्वार पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि यूरोप में पैसा है, लग्जरी जिंदगी है, लेकिन खुशी नहीं है। खुशी को पैसों से कभी नहीं खरीदा जा सकता है। खुशी तो योग और ध्यान से मिलती है। स्विट्जरलैंड में वे प्रति घंटे 10 यूरो कमाते थे। गाड़ी, घर और लग्जरी लाइफ थी। औसतन प्रति घंटे 10 डॉलर करीब 720 भारतीय रुपये कमाते थे। मन अंदर से बिल्कुल भी खुश नहीं था। भारतीय संस्कृति और योग के बारे में पढ़ा और अध्यात्म एवं योग के लिए स्विट्जरलैंड छोड़ दिया। बेन पतंजलि से योग भी सीख रहे हैं।बेन फक्कड़ हैं। उनके पास न तो पैसा है और न ही ठौर ठिकाना। पैदल सफर में जहां थकान लगी, वहीं अपना ठिकाना ढूंढ लेते हैं। मंदिर, गुरुद्वारा, आश्रम और स्कूल में रात बिताते हैं। कई बार जंगल और फुटपाथ पर ही खुले आसमान के नीचे रात बिताते हैं। पैदल सफर में रास्ते में खाने के लिए जिसने जो दिया उसे खाकर पेट भरते हैं। बेन बाबा न केवल हिंदी बोलते हैं, बल्कि उन्हें गायत्री मंत्र और गंगा आरती कंठस्थ याद है। बेन किसी अखाड़े से नहीं जुड़े हैं। इसलिए हरिद्वार में कभी हरकी पैड़ी तो कभी गंगा किनारे टहलते रहते हैं। गंगा किनारे घाटों को अपना ठिकाना बनाया है। बेन को नंगे पैर गायत्री मंत्र का जाप करते और गंगा आरती करते देख श्रद्धालु भी अचंभित होते हैं।बेन बाबा ने बताया कि स्विट्जरलैंड से भारत तक पहुंचने तक करीब छह हजार किमी से अधिक पैदल सफर किया।  वे यूरोप से टर्की, इरान, आर्मेनिया, जॉर्जिया, रसिया, किर्गिस्तान, उबेकिस्तान, कजाकिस्तान, चायना, पाकिस्तान समेत 18 मुल्क पार करने के बाद भारत पहुंचे। जिस देश का बॉर्डर आने वाला होता था पहले ही उसके लिए वीजा अप्लाई करते थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhand