सरकार की तरफ से कुंभ के लिए अप्रैल में अधिसूचना जारी की जानी है। अखाड़ों और साधु-संतों की ओर से कुंभ की सभी परंपराओं को शुरू किया जा चुका है। आरएसएस और उसके अनुसांगिक संगठनों की ओर से भी पर्यावरण व सेवा के कार्य शुरू कर दिए गए हैं। सक्षम की ओर से नेत्र कुंभ के जरिये सात स्थानों पर नि:शुल्क आंखों की जांच कर दवा और चश्मे दिए जा रहे हैं। पर्यावरण समिति पॉलिथीन मुक्त और पर्यावरण युक्त कुंभ अभियान चला रही है। जिसमें श्रद्धालुओं से पॉलिथीन का प्रयोग न करने की अपील की जा रही है।इसके साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग करके उसे फेंकने की बजाय ईको ब्रिक बनाने का आह्वान किया जा रहा है। अब इसके लिए जगह-जगह स्टॉल लगाए जाएंगे। श्रद्घालु ईको ब्रिक बनाकर उसमें जमा करेगा, उसे कपड़े का थैला भी दिया जाएगा। इसी क्रम में अब कुंभ मेले में पड़ने वाले शाही स्नानों पर यातायात व्यवस्था को चलाने में स्वयंसेवक का सहयोग मेला प्रशासन लेने जा रहा है।
आरएसएस के विभाग प्रचारक शरद कुमार ने बताया कि कुंभ मेला प्रशासन ने संगठन से मेले और शाही स्नानों पर ट्रैफिक व्यवस्था को कंट्रोल करने के लिए स्वयंसेवकों की मांग की थी। उनके आग्रह पर जल्द ही लगभग एक हजार स्वयंसेवकों की सूची दे दी जाएगी। पुलिस के अधिकारियों की तरफ से ट्रेनिंग देने के बाद स्वयंसेवक सड़कों पर उतरकर यातायात व्यवस्था संभालना शुरू कर देंगे।
स्नान के लिए गंगाजल की करें पर्याप्त व्यवस्था : गुंज्याल
कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने कहा कि गौरीशंकर नीलधारा में साधुओं के टेंट आदि लगवाने के लिए जगह चिह्नित करें और वहीं पर ही साधुओं के टेंट लगवाएं जाएं। घाटों पर स्नान के लिए गंगाजल का स्तर पर्याप्त नही है। संबंधित विभाग से वार्ता करके जल की व्यवस्था करवाई जाई।
मेला नियंत्रण भवन के सभागार में शुक्रवार को कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल, एसएसपी कुंभ जन्मेजय खंडूरी एवं एसएसपी हरिद्वार सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने सेक्टर प्रभारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन सेक्टर पुलिस प्रभारियों को बुलाया गया था, जिनके यहां मुख्य-मुख्य पार्किंग, पैदल मार्ग और महत्वपूर्ण घाट स्थित हैं। मीटिंग के दौरान उपस्थित समस्त सेक्टर प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि जिन घाटों पर उद्घोषणा यंत्र नही हैं वहां-वहां यंत्र लगवाएं जाएं।
घाटों, पार्किंगों, रास्तों में शुक्रवार से ही पर्याप्त संख्या में सही संदेश और दिशा-निर्देश देने वाले साइन बोर्ड लगवाएं। घाटों पर बड़े स्क्रीन लगवाने के लिए सही जगह चिह्नित करें। उन्होंने चंडीघाट चौकी के पास बनने वाले रैंप को संबंधित विभाग से तालमेल बनाकर सुरक्षित और जल्द से जल्द बनवाने के आदेश भी दिए। उन्होंने कहा कि शाही स्नान के दिन नीलधारा गौरीशंकर की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक संख्या में प्रयास करके चंडीघाट के आसपास के घाटों पर ही स्नान कराने के लिए रणनीति बनाई जाए। सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने-अपने सेक्टर का रंगीन गूगल मैप बना सोमवार को होने वाली बैठक में उसके माध्यम से व्यवस्थाओं की जानकारी देंगे।