कोरोना काल के चलते महकाल मंदिर में दर्शनार्थियों का प्रवेश प्रतिबंधित था। भस्मारती भी मंदिर के पुजारी ही करते थे। श्रद्धालुओं के शामिल होने पर प्रतिबंध था। जून माह राहत की खबर लेकर आया और कोविड प्रोटोकॉल के तहत भक्तों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई।
उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में भक्तों ने दिल खोलकर दान दिया है। सिर्फ 110 दिनों में 23 करोड़ की आय प्राप्त हुई है। यह आय शीघ्र दर्शन, भस्मआरती, लड्डू प्रसादी आदि माध्यमों से हुई है। इतना ही नहीं विदेशी मुद्रा सहित ऑनलाइन दान भी मिला है। इस राशि का उपयोग मंदिर के विकास में किया जाएगा।
दरअसल, कोरोना काल के चलते महकाल मंदिर में दर्शनार्थियों का प्रवेश प्रतिबंधित था। भस्मारती भी मंदिर के पुजारी ही करते थे। श्रद्धालुओं के शामिल होने पर प्रतिबंध था। जून माह राहत की खबर लेकर आया और कोविड प्रोटोकॉल के तहत भक्तों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई। हालांकि, भस्मारती के लिए भक्तों को सितंबर तक प्रतीक्षा करनी पड़ी।
भक्तों के लिए महाकाल मंदिर खुलने और भस्मारती की अनुमति मिलने के बाद से अब तक करीब 110 दिन हुए हैं। इन 110 दिनों में लगभग 23 करोड़ रुपए की आय हुई है। यह दान राशि 28 जून से लेकर 15 अक्तूबर 2021 तक मिली है।
किस माध्यम से कितनी आय
महाकाल मंदिर में शीघ्र दर्शन टिकट से करीब साढ़े सात करोड़ रुपए की आय हुई, तो भेंट पेटी से साढ़े पांच करोड़ से ज्यादा राशि मिली। लड्डू प्रसाद से सवा आठ करोड़ के लगभग आय हुई। भस्मारती बुकिंग से 34 लाख रुपए की आय हुई। महाकाल ध्वजा एवं बुकिंग से करीब दो लाख की आय हुई। अन्य माध्यमों से करीब साढ़े 28 लाख रुपए की आय हुई। इतना ही नहीं विदेशी मुद्रा भी मिली है और ऑनलाइन दान भी आया है।