नेपाल का सचिव स्तरीय प्रतिनिधिमंडल परमार्थ निकेतन पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती से विभिन्न विषयों पर चर्चा की। उसके बाद सदस्य गंगा आरती में शामिल हुए।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि भारत और नेपाल के सदियों से मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। दोनों राष्ट्रों का न केवल बेटी रोटी का संबंध है बल्कि आध्यात्मिक संबंध भी हैं। भगवान बुद्ध का जन्म नेपाल के लुम्बिनी में हुआ, लेकिन महानिर्वाण भारत के कुशीनगर में हुआ। यह ईश्वर की ओर से बनाए गए प्रगाढ़ संबंध हैं। 1950 की भारत-नेपाल शांति और मित्रता संधि दोनों देशों के बीच मौजूद विशेष संबंधों का आधार रही है। नेपाल भारत का एक महत्वपूर्ण पड़ोसी राष्ट्र है और सदियों से चले आ रहे भौगोलिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध भी विशेष महत्व रखते हैं। उन्होंने कहा कि स्थिर, सुरक्षित एवं मैत्रीपूर्ण नेपाल भारत संबंध के लिए दर्रो को खोलने के साथ दिलों को खोलना भी बहुत जरूरी है। भारत-नेपाल की खुली सीमा दोनों देशों के संबंधों की विशिष्टता को दर्शाती है। रामायण सर्किट की योजना दोनों देशों के मजबूत सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों का प्रतीक है। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य विश्व ग्लोब का जलाभिषेक कर गंगा आरती में शामिल हुए।