सीबीआई फिलहाल किसी स्पष्ट नतीजे पर नहीं पहुंची है लेकिन इतने दिनों की जांच के बाद अफसरों का प्रारंभिक निष्कर्ष यह है कि महंत नरेंद्र गिरि की हत्या नहीं हुई थी। मठ के तमाम सेवादारों और आरोपियों से पूछताछ, एसआईटी और विवेचक की रिपोर्ट, हैंड राइटिंग एक्सपर्ट की ओपीनियन और सुसाइड पूर्व वीडियो की जांच के बाद सीबीआई की जांच की दिशा आत्महत्या की ओर ही इशारा कर रही है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि प्रारंभिक निष्कर्ष को अंतिम नहीं माना जा सकता। अंतिम जांच रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट रूप से बताया जाएगा।
महंत नरेंद्र गिरि की मौत के तीसरे दिन से ही सीबीआई जांच शुरू हो गई थी। आरोपियों आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को कस्टडी रिमांड में लेकर सीबीआई ने सात दिनों तक पूछताछ की। उनके कॉल डीटेल्स, मोबाइल डेटा की जांच की गई। सीबीआई के साथ आई फोरेंसिक टीम ने सुबूतों को कई दिन कई बार खंगाला। दो बार क्राइम सीन रीक्रिएट किया गया। सुसाइड नोट पर एक्सपर्ट राय ली गई।
नरेंद्र गिरि ने सुसाइड पूर्व जो वीडियो बनाया था। उसका अध्ययन किया गया। उसकी सत्यता परखी गई। सेवादारों और मठ से जुड़े साधु संन्यासियों से एक नहीं कई कई बार पूछताछ की गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट की गहनता से जांच की गई। उस पर तमाम मेडिकल एक्सपर्ट की राय ली गई। सारी जांच के बाद सीबीआई अफसरों का प्रारंभिक निष्कर्ष आत्महत्या की ओर इशारा कर रहा है।
हालांकि अभी इसे अंतिम निष्कर्ष नहीं माना जाना चाहिए। अफसरों का कहना है कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। प्रारंभिक निष्कर्ष चाहे जो हो जांच की अंतिम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। फिलहाल पूछताछ, फोरेंसिक जांच, आरोपियों के मोबाइल कॉल रिकार्ड, उनके मोबाइल से मिले डाटा और ऑडियो काल आदि की जांच की जा रही है।